RSS Activities by Govt Employees: केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यक्रमों में सरकारी कर्मचारियों के हिस्सा लेने पर लगे 58 साल पुराने प्रतिबंध को हटा लिया है।इस पर टीएमसी सांसद सागरिका घोष ने कहा, “ये 1964 के सिविल सर्विस कंडक्ट नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है, जिसके अनुसार कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी भी राजनैतिक दल या राजनीति में हिस्सा लेने वाले किसी भी संगठन का सदस्य नहीं होगा।
ये विधान विरोधी कृत्य है- जो सरकार ये सुनिश्चित नहीं कर सकती कि पेपर लीक न हो, जो ये सुनिश्चित नहीं कर सकती है कि यूपीएससी के तहत गलत सर्टिफिकेट दिए जा रहे हैं और इन समस्याओं को ठीक नहीं किया जा सकता है। सरकार ध्यान भटकाने की राजनीति में लगी हुई है। आरएसएस सदस्यों को सिविल सेवा का हिस्सा बनने की अनुमति देना बेहद संविधान विरोधी कृत्य है।”
58 साल बाद हटा प्रतिबंध-सरकारी कर्मचारी अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की गतिविधियों में शामिल हो सकेंगे। केंद्र सरकार ने आरएसएस की गतिविधियों में सरकारी कर्मचारियों के भाग लेने पर लगे प्रतिबंध को 58 साल बाद हटा दिया है।
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टीएमसी सासंद ने जताई नाराजगी –टीएमसी टीएमसी सागरिका घोष ने कहा ये 1964 के सिविल सर्विस कंडक्ट नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है, जिसके अनुसार कोई भी सरकारी कर्मचारी किसी भी राजनैतिक दल या राजनीति में हिस्सा लेने वाले किसी भी संगठन का सदस्य नहीं होगा।
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जो सरकार ये सुनिश्चित नहीं कर सकती कि पेपर लीक न हो, जो ये सुनिश्चित नहीं कर सकती है कि यूपीएससी के तहत गलत सर्टिफिकेट दिए जा रहे हैं और इन समस्याओं को ठीक नहीं किया जा सकता है। सरकार ध्यान भटकाने की राजनीति में लगी हुई है। आरएसएस सदस्यों को सिविल सेवा का हिस्सा बनने की अनुमति देना बेहद संविधान विरोधी कृत्य है।”
