(आकाश शर्मा)- Shardiya Navratri 2023:-नवरात्रि के तीसरा दिन मां चंद्रघंटा की पूजा कर उन्हें प्रसन्न किया जाता है। माता चंद्रघंटा को कल्याणकारी और शांतिदायक का रूप मानते हैं। माता के मस्तक पर घंटे के आकार का आधा चंद्रमा चिन्हित है। यही कारण है कि मां को चंद्रघंटा कहते है।
नवरात्रि में मां चंद्रघंटा की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि जो भी व्यक्ति नवरात्रि में मां चंद्रघंटा की पूजा विधि पूर्वक करता है उसे अलौकिक ज्ञान की प्राप्ति होती है। इस देवी की पूजा और उपासना से साहस और निडरता का बोध होता है। जो व्यक्ति मां चंद्रघंटा की पूजा करते हैं उन्में मां सौम्यता और विनम्रता का भी आर्शीवाद प्रदान करती हैं, मां चंद्रघंटा की पूजा करने से रोग से भी मुक्ति मिलती है।…Shardiya Navratri 2023
Read also-केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने पश्चिम बंगाल के सियालदह में किया दुर्गा पूजा पंडाल का उद्घाटन
माता चंद्रघंटा की कथा
प्रचलित कथा के मुताबिक, माता दुर्गा ने मां चंद्रघंटा का अवतार तब लिया था जब दैत्यों का आतंक बढ़ने लगा था। उस समय महिषासुर का भयंकर युद्ध देवताओं से चल रहा था। महिषासुर देवराज इंद्र का सिंहासन प्राप्त करना चाहता था। वह स्वर्ग लोक पर राज करने की इच्छा पूरी करने के लिए यह युद्ध कर रहा था। जब देवताओं को उसकी इस इच्छा का पता चला तो वे परेशान हो गए और भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश के सामने पहुंचे। ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने देवताओं की बात सुन क्रोध प्रकट किया और क्रोध आने पर उन तीनों के मुख से ऊर्जा निकली।
उस ऊर्जा से एक देवी अवतरित हुईं, उस देवी को भगवान शंकर ने अपना त्रिशूल, भगवान विष्णु ने अपना चक्र, इंद्र ने अपना घंटा, सूर्य ने अपना तेज और तलवार और सिंह प्रदान किया। इसके बाद मां चंद्रघंटा ने महिषासुर तका वध कर देवताओं की रक्षा की।
Top Hindi News, Latest News Updates, Delhi Updates, Haryana News, click on Delhi Facebook, Delhi twitter and Also Haryana Facebook, Haryana Twitter. Total Tv App

