Prajnesh Gunneswaran : एशियाई खेलों के कांस्य पदक विजेता प्रजनेश गुणेश्वरन ने शुक्रवार को टेनिस से संन्यास लेने का ऐलान किया।जकार्ता एशियाई खेलों 2018 में कांस्य पदक जीतने वाले 35 साल के प्रजनेश ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर लिखा, “मैं खेल को अलविदा कह रहा हूं। धन्यवाद।”गुणेश्वरन 2019 में एटीपी रैंकिंग में 75वें पायदान पर थे।गुणेश्वरन ने कहा, “मैं जब ये लिख रहा हूं तो मेरा दिल कृतज्ञता, गर्व और पुरानी यादों से भर रहा है। आज मैं आखिरी बार टेनिस कोर्ट से बाहर निकल रहा हूं।”
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2010 मे खेल में की एट्री- उन्होंने लिखा, “तीन दशकों से ज्यादा समय से ये खेल मेरा जीवन, मेरा सबसे बड़ा शिक्षक और मेरा सबसे वफादार साथी रहा है। पहली बार रैकेट पकड़ने से लेकर बड़े टूर्नामेंटों में भारत का प्रतिनिधित्व करने तक की यात्रा मेरे लिए असाधारण रही है।”चेन्नई में जन्मा यह खिलाड़ी 2010 में पेशेवर बना था। सिंगल मैचों में उनके जीत-हार का रिकॉर्ड 11-28 है जबकि डबल्स में उनका रिकॉर्ड 1-1 रहा है। उनकी बेस्ट डबल रैंकिंग 248 थी, जो उन्होंने 2018 में हासिल की थी।
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गुणेश्वरन ने जीते कई खिताब- गुणेश्वरन को सभी चार ग्रैंड स्लैम में खेलने का अनुभव है। हालांकि, वे सभी मौकों पर शुरुआती दौर में हार गए। उन्होंने 2019 में चारो ग्रैंड स्लैम में चुनौती पेश करने के बाद 2020 में ऑस्ट्रेलियाई ओपन में दूसरी बार हिस्सा लिया था।उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, “पसीने की हर बूंद, हर जीत, हर असफलता, ये सब इस ताने-बाने में बुना हुआ है कि मैं कौन हूं।
निकोलोज बेसिलाशविली को हराया- टेनिस ने मुझे अनुशासन, जज्बा और बड़े सपने देखने का हौसला दिया।एटीपी चैलेंजर टूर में उनका रिकॉर्ड 2-7 जबकि आईटीएफ फ्यूचर टूर पर 9-9 का रहा है।उन्होंने अपने करियर में मिस्र एफ25 (शर्म अल शेख, आईटीएफ फ्यूचर टूर) के रूप में इकलौता डबल खिताब जीता है।गुणेश्वरन की सबसे बड़ी जीत 2019 में आई जब उन्होंने इंडियन वेल्स मास्टर्स के दूसरे दौर में जॉर्जिया के तत्कालीन 18वीं रैंकिंग वाले निकोलोज बेसिलाशविली को हराया।
