(अवैस उस्मानी): दिल्ली हिंसा में आरोपी शरजील इमाम पर दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणी को हटाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इंकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली हाईकोर्ट ने खोज अपने आदेश में लिखा है उसकी टिप्पणी फैसले पर लागू नहीं होगी, ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का याचिका पर दखल देने का कोई मतलब नहीं बनता है। शरजील इमाम ने दिल्ली दंगो में आरोपी उमर खालिद की जमानत अर्जी खारिज करते हुए दिल्ली दंगों में आरोपी उसपर की गई टिप्पणी को हटाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालतों को 10 मिनट से ज्यादा समय तक जमानत याचिकाओं पर सुनवाई नहीं करनी चाहिए। जस्टिस संजय किशन कौल की पीठ ने कहा कि जमानत के मामलों में कई दिनों तक लंबी सुनवाई अदालत का समय बर्बाद करती है। जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि मुझे लगता है कि यह समय की पूरी बर्बादी है, जब जमानत आवेदनों पर एक बार में सुनवाई की जाती है, जैसे गुण दोष के आधार पर अपनी पर की जा रही हो, जमानत याचिकाओं पर 10 मिनट से अधिक नहीं सुनवाई करना चाहिए।
Read also: श्रद्धा हत्याकांड: आफताब पूनावाला की न्यायिक हिरासत 14 दिन बढ़ी
दिल्ली दंगों के आरोपी शर्जिल इमाम ने अपनी याचिका में कहा कि जब उमर खालिद वाले मुकदमे में वह पक्षकार ही नही था तो कोर्ट द्वारा उस पर कोई की टिप्पणी उचित नहीं है। इसलिए उमर खालिद जमानत अर्जी खारिज करते हुए हाईकोर्ट द्वारा टिप्पणी को हटाया जाए।