Senthil Balaji Bail: सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के पूर्व मंत्री वी. सेंथिल बालाजी को गुरुवार को जमानत दे दी। इन्हें पिछले साल मनी लॉन्ड्रिंग में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गिरफ्तार किया था।जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टि ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने सेंथिल बालाजी को राहत देते हुए कठोर शर्तें भी लगाईं।
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12 अगस्त को रखा फैसला सुरक्षित – सुप्रीम कोर्ट ने ईडी की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और बालाजी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी और सिद्धार्थ लूथरा की दलीलें सुनने के बाद 12 अगस्त को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।सुप्रीम कोर्ट ने बालाजी की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा था कि अगर उन्हें इस तरह के मामले में जमानत पर रिहा किया जाता है तो इससे गलत संकेत जाएगा और ये व्यापक जनहित के खिलाफ होगा।
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’हाई कोर्ट ने दिया ये आदेश- सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि क्योंकि याचिकाकर्ता आठ महीने से ज्यादा समय से हिरासत में है, इसलिए स्पेशल कोर्ट को मामले को एक तय समय सीमा के भीतर निपटाने का निर्देश देना सही होगा।पीठ ने आदेश में कहा, ‘‘इसलिए चेन्नई में बने हेड ऑफ द स्पेशल कोर्ट को निर्देश दिया जाएगा कि वे इस आदेश की कॉपी मिलने की तारीख से तीन महीने के भीतर मामले का निपटारा करे।’’हाई कोर्ट ने आदेश दिया था कि सुप्रीन कोर्ट के जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक मुकदमे की सुनवाई रोजाना आधार पर की जाएगी।
तीन बार खारिज हुई जमानत – सेंथिल बालाजी को पिछले साल 14 जून को ईडी ने कथित नौकरी के बदले नकदी घोटाले से जुड़े धन शोधन के एक मामले में गिरफ्तार किया था।उस समय वे पूर्ववर्ती अखिल भारतीय अन्नाद्रमुक द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) सरकार में परिवहन मंत्री थे।ईडी ने पिछले साल 12 अगस्त को बालाजी के खिलाफ 3,000 पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया था।हाई कोर्ट ने 19 अक्टूबर को बालाजी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। एक स्थानीय अदालत भी तीन बार उनकी जमानत याचिका खारिज कर चुकी है।
