Ayodhya Ram Mandir:श्रीराम जन्मभूमि के लिए सदियों के संघर्ष की गाथा पर कॉफी टेबल बुक ‘सबके राम’ प्रधानमंत्री को सौंपी गई। इस मौके पर पीएम ने कहा कि देश समेत विदेशों में रहने वाले भारतवंशियों तक सदियों के संघर्ष और सत्य की विजय से जुड़ी ये गाथा पहुंचनी चाहिए।वीकली मैगजीन पाञ्चजन्य के एडीटर हितेश शंकर और भारत प्रकाशन दिल्ली लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर अरुण गोयल ने प्रधानमंत्री को ये कॉफी टेबल बुक भेंट की। खास बात ये है कि इस बुक को हिंदी और इंग्लिश में सुन भी सकते हैं।
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राम जन्मभूमि और जन्मतिथि का सच, अयोध्या के इतिहास को उसके वर्तमान से जोड़ता अध्याय, ऐसी तमाम बातों को समेटे है “सबके राम”। इसमें राम मंदिर की नींव में दबे समर्पण, त्याग और बलिदान की अनकही कहानियां हैं।ये बुक बताती है कि क्यों पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी अयोध्या को राष्ट्रीय अभिमान का प्रतीक कहते थे। राम राज्य, राम रीति और राम नीति को पीएम मोदी, सरसंघचालक मोहनराव भागवत,
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श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जूना आखाड़ा के आचार्य महामंडलेवर स्वामी अवधेशानंद गिरि कैसे देखते हैं, यह भी इस बुक में है। ये सभी राम मंदिर संघर्ष के साक्षी रहे हैं।