Budget Session Parliament : संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण की कार्यवाही जारी है।विपक्ष ने चुनाव प्रक्रिया में कथित गड़बड़ियों पर चर्चा की मांग की है। इसके अलावा कई अन्य मुद्दों को लेकर भी बजट सत्र में हंगामा देखने को मिल रहा है।
गुजरात के खावड़ा में स्थापित किए जा रहे अक्षय ऊर्जा संयंत्र के मुद्दे पर सरकार के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने आज लोकसभा से वॉकआउट किया।
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कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने प्रश्नकाल में सरकार से पूछा कि क्या खावड़ा में लगाए जा रहे संयंत्र के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रोटोकॉल में कोई ढील दी गई है?इस पर केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रह्लाद जोशी ने अपने जवाब में कहा कि जब भी किसी परियोजना को मंजूरी दी जाती है तो केंद्र, राज्यों एवं अन्य संबंधित निकायों से समस्त आवश्यक लाइसेंस आदि प्राप्त किए जाते हैं।इस पर विपक्ष के सांसद मंत्री के जवाब पर असंतोष जताने लगे। कुछ मिनट तक नारेबाजी के बाद कांग्रेस, DMK और SP समेत विपक्षी दलों के सदस्यों ने सदन से वॉकआउट कर दिया। विपक्षी सांसदों ने आरोप लगाया कि सरकार अडानी समूह के प्रभाव में काम कर रही है और इस परियोजना से जुड़े अहम सवालों के जवाब नहीं दे रही है।
वही लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान अवैध कोयला खनन का मामला उठा। सांसदों ने अपने-अपने क्षेत्र में अवैध कोयला खनन को रोकने के लिए सरकार के प्रयासों पर सवाल किए। लोकसभा में झारखंड के झरिया और गोड्डा में कोयला खदानों से जुड़े अहम मुद्दों पर सवाल उठाए गए, जिस पर केंद्रीय कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी ने विस्तृत जवाब दिया।वही राज्यसभा में विपक्षी दलों ने मतदाता पहचान पत्र क्रमांक संख्या में दोहराव का मुद्दा उठाया गया और निर्वाचन आयोग से इस ‘गड़बड़ी’ की जांच करने और तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने की मांग की। आरजेडी सांसद मनोज कुमार झा ने शून्यकाल के तहत इस मुद्दे का उठाते हुए कहा कि यह एक प्रश्न ऐसा है जो पिछले कुछ वर्षों से ना सिर्फ राजनीतिक दलों को बल्कि आम नागरिको को भी उद्वेलित कर रहा है।इस दौरान आरजेडी सांसद ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है और इसका जवाब भी पूरी गंभीरता से दिया जाना चाहिए, न कि ट्रकों के पीछे लिखी सस्ती शायरी से।
नई शिक्षा नीति NEP में तीन-भाषा नीति को लेकर केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम ने बड़ा बयान दिया है। केंद्रीय मंत्री जुएल ओराम ने NEP के तहत 3-भाषा नीति पर संसद में हो रहे हंगामे पर कहा कि, ‘कांग्रेस जब पहली बार सत्ता में आई थी, तब बहुत पहले ही हिंदी को राष्ट्रभाषा के रूप में स्वीकार कर लिया गया था, लेकिन हिंदी को भी कुछ प्रमुखता दें।NEP बहुत स्पष्ट है, इसे विवाद बनाना ठीक नहीं है।वही लोकसभा और राज्यसभा की बैठकें होली की पूर्व संध्या पर 13 मार्च को नहीं होंगी। इस संबंध में दोनों सदनों की कार्य मंत्रणा समितियों के निर्णय लेने के बाद यह तय किया गया है।