Haryana News: हरियाणा में जींद के सरकारी अस्पताल में दिवाली के बाद से मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ये बढ़ते वायु प्रदूषण का नतीजा है।जींद अस्पताल के सीएमओ ने बताया कि ओपीडी में अमूमन एक हजार सात सौ के करीब मरीज आते थे। ये संख्या अब दो हजार पार कर गई है। अस्थमा मरीजों की संख्या तो पहले से दोगुनी हो गई है।
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सांस लेने में हुई तकलीफ- डॉक्टर बढ़ते प्रदूषण के लिए पटाखे और पराली जलाने को जिम्मेदार मानते हैं।वे प्रदूषण से बचने के लिए लोगों को तमाम सावधानियों बरतने की सलाह दे रहे हैं। बच्चों और बुजुर्गों का खास ख्याल रखने के लिए कहा जा रहा है। ज्यादातर मरीजों को सांस लेने में तकलीफ, अस्थमा, एलर्जी, खांसी के साथ सीने में जकड़न और आंखों में जलन की शिकायत हो रही है।
डॉ. रघुबीर सिंह पूनिया, पीडियाट्रीशियन- जब से पॉल्यूशन बढ़ा है तब से केस भी बढ़े हैं। बच्चों में सांस की दिक्कत काफी ज्यादा हो रही है और खांसी बहुत ज्यादा हो रही है, एलर्जी इतनी ज्यादा हो रही है कि बच्चों को हमें भाप देनी पड़ रही है, कुछ बच्चों को एडमिट करने की भी नौबत आ रही है। पॉल्यूशन काफी ज्यादा है इसी वजह से ये दिक्कत सारी की सारी हो रही हैं।”
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डॉ. गोपाल गोयल, सीएमओ, जींद अस्पताल- आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ बड़ी ज्यादा बढ़ जाती है। हमारी ओपीडी में पेशेंट काफी ज्यादा आ रहे हैं, जिनको अस्थमा की दिक्कत है, सांस की दिक्कत है वो हॉस्पिटल में भी आते हैं। देखिए, ये हमारा एक सामूहिक प्रयास है समाज के सभी लोगों को इसमें सहयोग करना चाहिए। अकेली सरकार या कोई संस्था इसमें कुछ नहीं कर पाएगी। पटाखे को हम जलाना कम कर ही सकते हैं। पराली जलाना कम कर सकते हैं।”
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