Nimisha Priya Case : सर्वोच्च न्यायालय सोमवार को उस याचिका पर सुनवाई करेगा जिसमें केंद्र को एक भारतीय नर्स को बचाने के लिए राजनयिक माध्यमों का उपयोग करने का निर्देश देने की मांग की गई है।नर्स को यमन में 16 जुलाई को हत्या के आरोप में फांसी दिए जाने की संभावना है।न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ इस मामले की सुनवाई कर सकती है।वकील सुभाष चंद्रन के. आर. द्वारा जल्द से जल्द राजनयिक माध्यमों की तलाश करने की आवश्यकता की बात कहने के बाद, इस मामले को 10 जुलाई को तत्काल सुनवाई के लिए प्रस्तुत किया गया था।
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उन्होंने दलील दी थी कि शरिया कानून के तहत मृतक के परिवार को ब्लड मनी के भुगतान की अनुमति दी जा सकती है। उन्होंने दलील दी कि अगर ब्लड मनी का भुगतान किया जाता है, तो मृतक का परिवार केरल की नर्स को माफ कर सकता है।पीठ ने वकील से याचिका की प्रति अटॉर्नी जनरल को देने को कहा और उनकी सहायता मांगी।केरल के पलक्कड़ जिले की 38 वर्षीया नर्स निमिषा प्रिया को 2017 में अपने यमनी बिज़नेस पार्टनर की हत्या का दोषी ठहराया गया है।
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उन्हें 2020 में मौत की सज़ा सुनाई गई और 2023 में उनकी अंतिम अपील खारिज कर दी गई।वो वर्तमान में यमन की राजधानी सना की एक जेल में कैद हैं।ये याचिका एक संगठन – सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल – द्वारा दायर की गई है, जो नर्स की सहायता के लिए कानूनी सहायता प्रदान कर रही है।याचिका में एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला दिया गया है जिसमें कहा गया है कि यमनी प्रशासन ने प्रिया की फांसी की संभावित तारीख 16 जुलाई तय की है।