दुनिया में कोई ताकत नहीं जो भारत को यह निर्देश दे सके कि उसे अपने मामलों को कैसे संभालना है – उपराष्ट्रपति

#vicepresident

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने ने आज उपराष्ट्रपति निवास पर आईडीईएस 2024 बैच के प्रशिक्षु अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा, “बाहरी विमर्शों से प्रभावित न हों। इस देश में, एक संप्रभु राष्ट्र में, सभी निर्णय इसके नेतृत्व द्वारा लिए जाते हैं। दुनिया में कोई भी शक्ति भारत को यह निर्देश नहीं दे सकती कि उसे अपने मामलों को कैसे संचालित करना है। हम एक राष्ट्र हैं, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय का हिस्सा हैं। हम एकजुटता के साथ काम करते हैं, समन्वय के साथ। हमारे बीच आपसी सम्मान है, कूटनीतिक संवाद हैं। लेकिन अंततः, हम संप्रभु हैं और अपने निर्णय स्वयं लेते हैं।”

Read Also: मिर्जापुर में कांवड़ियों ने की CRPF जवान की पिटाई, 7 गिरफ्तार

उन्होंने कहा, “क्या हर बॉल खेलनी ज़रूरी है? क्या हर विवादास्पद बयान पर प्रतिक्रिया देना आवश्यक है? जो खिलाड़ी अच्छा स्कोर करता है, वह खराब गेंदों को छोड़ देता है। वे लुभावनी होती हैं, पर खेली नहीं जातीं। और जो खेलते हैं, उनके लिए विकेटकीपर और गली में खड़े खिलाड़ी तैयार रहते हैं।”

उपराष्ट्रपति ने कहा,“चुनौतियाँ होंगी — और उनका उद्देश्य होगा समाज में फूट डालना। आपने दो वैश्विक युद्ध देखे हैं। वे अब तक अनिश्चित हैं। देखिए उस तबाही को — संपत्ति की, मानव जीवन की, और उस पीड़ा को। और देखिए हमारा संतुलन — हमने एक पाठ पढ़ाया, और अच्छी तरह से पढ़ाया। हमने बहावलपुर और मुरिदके को चुना और फिर उसे अस्थायी रूप से समाप्त किया। ‘ऑपरेशन सिन्दूर’ अभी समाप्त नहीं हुआ है — यह जारी है। कुछ लोग पूछते हैं — इसे रोका क्यों गया? हम शांति, अहिंसा, बुद्ध, महावीर और गांधी की धरती हैं। जो जीवों को भी कष्ट नहीं देना चाहते, वे इंसानों को कैसे निशाना बना सकते हैं? उद्देश्य था — मानवता और विवेक को जगाना।”

उपराष्ट्रपति ने कहा, “हमारा जनसांख्यिकीय लाभांश पूरी दुनिया के लिए ईर्ष्या का विषय है। हमारी 65% जनसंख्या 35 वर्ष से कम आयु की है। भारत की औसत आयु 28 वर्ष है, जबकि चीन और अमेरिका की 38–39 और जापान की 48 है। आप चुने हुए लोग हैं। आपको भारत की सेवा का अवसर मिला है — उस भारत की, जो मानवता का छठा हिस्सा है। और आपका कार्यक्षेत्र देखिए — अगर आप पूरी निष्ठा से हमारे सभ्यतागत मूल्यों को ध्यान में रखते हुए कार्य करें, तो आप सम्पत्ति प्रबंधन, पारिस्थितिकी, पर्यावरण, हर्बल गार्डन, सतत विकास और आधुनिक तकनीक के प्रयोग में देश के लिए उदाहरण बन सकते हैं।”

उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “एक बात जो मुझे चिंतित करती है — जब आपके क्षेत्र में विकास कार्य होते हैं, तो उसकी अनुमति आपसे ली जाती है। यह अनुमति कई बार विवेकाधीन बन जाती है और देरी का शिकार होती है। मैं आग्रह करता हूँ कि एक ऐसी प्रणाली विकसित करें, जिससे लोगों को पहले से ही जानकारी हो — कि किसी क्षेत्र में भवन की अधिकतम ऊंचाई क्या हो सकती है। यह सब एक प्लेटफॉर्म पर क्यों नहीं हो सकता? तकनीक के इस युग में यह संभव है। इससे जनता को राहत मिलेगी, खर्च बचेगा और पारदर्शिता बढ़ेगी।”

कोचिंग सेंटरों के बढ़ते चलन पर उन्होंने चिंता जताते हुए कहा, “कोचिंग कौशल के लिए होनी चाहिए। कोचिंग आत्मनिर्भर बनाने के लिए होनी चाहिए। लेकिन कुछ सीमित सीटों के लिए देशभर में कोचिंग सेंटर अखबारों में विज्ञापन के लिए होड़ कर रहे हैं — एक, दो, तीन, चार पृष्ठ तक। और क्या दृश्य है — बच्चों की तस्वीरें, रैंक के साथ प्रकाशित की जाती हैं। नहीं, यह भारत नहीं है। यह बाज़ारीकरण और व्यवसायीकरण नहीं होना चाहिए। हमें गुरुकुल प्रणाली में विश्वास रखना चाहिए। युवाओं को अपने संकीर्ण दायरों से बाहर निकलना होगा। अवसर और भी हैं, और वे राष्ट्र निर्माण के लिए महत्वपूर्ण हैं। मैं किसी के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन शिक्षा का कोचिंग से यह जुड़ाव क्यों? तीन दशकों बाद जब हमें लाखों लोगों के परामर्श से एक नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति मिली है, तो फिर कोचिंग क्यों? कोच को कौशल सुधारना चाहिए। हम रटंत विद्या से आगे बढ़कर चिंतनशील मस्तिष्क चाहते हैं।”

Read Also: भारतीय युवा कांग्रेस ने बिहार के युवाओं के लिए मेगा रोजगार मेला 2025 का किया आयोजन

‘विकसित भारत’ की बात करते हुए उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य केवल अर्थव्यवस्था को बढ़ाना नहीं है — हमारा उद्देश्य लोगों का विकास करना है। विकसित भारत केवल हमारा सपना नहीं है, वह अब हमारी मंज़िल भी नहीं है। हम उस दिशा में चल पड़े हैं। हम हर दिन प्रगति कर रहे हैं, और यह एक बड़ी चुनौती है क्योंकि बीते 10 वर्षों में देश ने असाधारण विकास देखा है। अब जनता को विकास का स्वाद लग गया है। मेरी पीढ़ी ने कभी नहीं सोचा था — घर में शौचालय होगा, गैस कनेक्शन होगा, इंटरनेट, पाइप से पानी, सड़क पास में, स्कूल या स्वास्थ्य केंद्र, और ऐसी विश्वस्तरीय रेलगाड़ियाँ होंगी। नहीं, हमने कभी नहीं सोचा था। अब यह राष्ट्र वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक आकांक्षी राष्ट्र बन चुका है।”

Top Hindi NewsLatest News Updates, Delhi Updates,Haryana News, click on Delhi FacebookDelhi twitter and Also Haryana FacebookHaryana Twitter 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *