Union Budget 2025-26: आंध्र प्रदेश में कोंडापल्ली के कारीगर लकड़ी के खिलौने बनाने के लिए मशहूर हैं। इनके बनाए रंग-बिरंगे खिलौनों में बेहद बारीक काम होता है। केंद्रीय बजट 2025 से उनकी कुछ उम्मीदें हैं। कलाकारों को कच्चे माल की बढ़ती कीमत और बुनियादी ढांचे के अभाव का सामना करना पड़ रहा है। इस वजह से नई पीढ़ी में इस कला के प्रति रुझान कम होता जा रहा है। ये कलाकार सदियों पुरानी कला को महफूज रखने के लिए सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं।
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बता दें कि खिलौने बनाने के लिए लकड़ी की कमी का सामना कर रहे कलाकारों ने सरकार से कम कीमत पर लकड़ी मुहैया कराने की मांग की है। वे चाहते हैं कि इस उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कौशल विकास और आर्थिक मदद भी दी जाए। कलाकारों की शिकायत है कि लकड़ी की कमी और बढ़ती लागत उनका परेशानियों की बड़ी वजह हैं। इस वजह से कुशल कलाकारों का पलायन हो रहा है, जिससे ये कला विलुप्त होने के कगार पर है।
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यही वजह है कि इस कला की ओर नई पीढ़ी का भी रुझान कम हो रहा है। कुछ कारीगरों का यहां तक कहना है कि उन्हें प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना से कोई फायदा नहीं हुआ है, जबकि योजना का मकसद पारंपरिक कला को संरक्षित करना है। लकड़ी के खिलौने बनाने वाले कलाकारों को उम्मीद है कि आने वाले केंद्रीय बजट में इस पारंपरिक कला के उद्धार के लिए पहल की जाएगी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन एक फरवरी को बजट पेश करेंगी।
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