Budget focuses on making India : मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट के केंद्र में रोजगार और विकास है। इसमें ज्यादा रोजगार देने वाली मैन्युफैक्चरिंग पर जोर है तो रोजगार से जुड़े तीन इन्सेंटिव भी हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने बुधवार को कहा कि बजट में कई ऐसे उपायों की घोषणा की गई है, जिससे भारत मैन्यूफैक्चरिंग हब बन सके।
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राज्यसभा में बजट चर्चा का जवाब देते हुए सीतारामन ने कहा कि 2014 से ही ‘सबका साथ, सबका विकास’ पर आधारित था जो आज भी हमारा मार्गदर्शन करता रहा है। ये इस बजट में भी जारी है और अगले पांच सालों के लिए भी मार्गदर्शन करेगा।उन्होंने कहा, “आईएमएफ के अनुसार, वैश्विक विकास में भारत की हिस्सेदारी 16 फीसदी है और ये बढ़ भी रही है।”
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2047 तक विकसित भारत का निर्माण – वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा 2024-25 का ये बजट अंतरिम बजट की ही अगली कड़ी है। अंतरिम बजट की खासियत स्वाभाविक तौर से नियमित बजट में हैं। 2014 से जिस सिद्धांत ने हमारा मार्गदर्शन किया है, वो है ‘सबका साथ, सबका विकास’, वो इस बजट में भी जारी है और अगले पांच सालों के लिए भी मार्गदर्शन करेगा, जो 2047 तक विकसित भारत के निर्माण के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।”मैंने इस सदन में 2021-22 में वादा किया था कि सरकार 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 4.5 फीसदी से नीचे लाने की कोशिश करेगी।”