न रहेंगे तारे, न रहेगा प्रकाश… जानिए कैसे होगा ब्रह्मांड का विनाश?

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Universe: जैसे मनुष्य के जन्म लेने से पहले ही उसका अंत तय हो जाता है ठीक उसी प्रकार ब्रह्मांड के साथ भी है। विज्ञान की माने तो ब्रह्मांड का अंत भी तय है। कई बार नासा द्वारा भी घोषणा की गई है कि पृथ्वी का अंत जल्द होने वाला है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ब्रह्मांड का एक कण ऐसा भी है जो पृथ्वी पर अमर है और वह कण इलेक्ट्रॉन है। चलिए जानते हैं कि कब और क्यों होगा दुनिया का अंत? Universe

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एडविन हबल नाम के एक वैज्ञानिक ने 1929 में एक रिसर्च की और उसमें पता चला कि आकाशगंगा के केंद्र से पृथ्वी लगभग 27000 प्रकाश वर्ष दूर है और आकाशगंगा जितनी दूर पृथ्वी से है उतनी ही तेजी से अंतरिक्ष के पीछे जाती हुई दिखाई दी है। ब्रह्मांड चारों दिशाओं में फैला हुआ है और इस पर हुई  1998 में हबल टेलीस्कोप की खोज ने वैज्ञानिकों को और अधिक चौंका दिया है। दरअसल, इस रिसर्च में बताया गया है  कि ब्रह्मांड लगातार फैलता जा रहा है और यदि इसी प्रकार ब्रह्मांड के फैलने की रफ्तार बढ़ती रही तो विनाश निश्चित है।


कैसे होगा ब्रह्मांड का अंत? लगातार ब्रह्मांड के फैलने की रफ्तार से यह अनुमान लगाया जा रहा है कि अंत का समय नजदीक आ रहा है। ब्रह्मांड का अंत आज से अरबों-खरबों साल बाद होगा जब तारे ठंडे पड़ने लगेंगे और नए तारे नहीं बनेंगे इतना ही नहीं ब्रह्मांड से प्रकाश भी गायब हो जाएगा। एक दिन ऐसा आएगा की ब्रह्मांड में सभी गतिविधियां रूक जाएंगी और कुछ भी नहीं बचेगा। लेकिन इलेक्ट्रॉन एक ऐसा कण है जो ब्रह्मांड में अमर है।

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ऐसा कहा जाता है कि इलेक्ट्रॉन आवेश संरक्षण के नियमों का पालन करते हैं जिसकी वजह से वह सदैव जीवित रहते हैं उनका अंत नहीं होता है। इलेक्ट्रॉन के जीवनकाल के बारे में इटली में हुए एक प्रयोग से पता चला की इलेक्ट्रॉन की आयु लगभग 66,000 ‘योट्टा वर्ष’ है। इलेक्ट्रॉन की खोज जे.जे थॉमसन ने 1897 कैथोड किरणों पर प्रयोग करते समय की थी। प्रयोग के दौरान उन्हें कैथोड किरणों में परमाणु से भी काफी छोटे नेगेटिव चार्ज वाले कण दिखाई दिए। इलेक्ट्रॉन सभी परमाणुओं के भीतर पाए जाते हैं क्योंकि इसमें सबअटॉमिक पार्टिकल मौजूद होते हैं।

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