US-Israel Relations: कतर में हमास नेताओं पर इजरायल के हवाई हमलों और गाजा शहर पर उसकी बढ़ती बमबारी को लेकर बढ़ते अंतरराष्ट्रीय गुस्से के बीच इजरायल और अमेरिका ने बीते सोमवार को एकजुटता दिखाई। पिछले हफ्ते कतर में इजरायल के हमले की निंदा करने के लिए अरब और मुस्लिम नेताओं की दोहा में बैठक हुई और गाजा शहर पर कब्जे की इजरायली योजनाओं की आलोचना के नए दौर सामने आए।
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इसी बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो यरुशलम में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हुए और उस हंगामे को कम करके आंका, जिसने कम से कम कुछ समय के लिए ट्रंप प्रशासन को सकते में डाल दिया था। रुबियो मंगलवार को कतर के दौरा की योजना बना रहे हैं क्योंकि प्रशासन अपने दो करीबी सहयोगियों के बीच तनाव कम करने के लिए उत्सुक दिखाई दे रहा है। इसके बाद वे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ब्रिटेन की राजकीय यात्रा में शामिल होने के लिए लंदन रवाना होंगे।
रुबियो ने फॉक्स न्यूज को बताया, हम समझते हैं कि जो हुआ उससे वे खुश नहीं हैं। लेकिन हमारे पास अभी भी हमास है, हमारे पास अभी भी बंधक हैं, और हमारे बीच अभी भी युद्ध जारी है और इन सभी चीजों से अभी निपटना बाकी है और हमें उम्मीद है कि कतर और हमारे सभी खाड़ी साझेदार कुछ न कुछ योगदान देते रहेंगे। इजराइल की हालिया कार्रवाइयों से अमेरिका की हताशा के कोई संकेत नहीं मिले, हालाॉंकि ट्रंप ने कतर में हमास पर इजराइल के एकतरफा हमले पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी।
अमेरिका और इजराइल हमास के खात्मे पर सहमत हुए। नेतन्याहू और रुबियो दोनों ने कहा कि गाजा में संघर्ष खत्म करने का एकमात्र तरीका हमास का सफाया और शेष 48 बंधकों की रिहाई, जिनमें से लगभग 20 जीवित माने जा रहे हैं। जिससे संघर्ष को फौरन खत्म करने के पक्ष में अंतरिम युद्धविराम की मांग को दरकिनार कर दिया गया। हमास ने कहा है कि वो शेष बंधकों को केवल फ़िलिस्तीनी कैदियों, एक स्थायी युद्धविराम और गाजा से इजराइल की वापसी के बदले में ही रिहा करेगा।
रुबियो नेतन्याहू से इस बारे में जवाब मांगने इजराइल आए थे कि इजराइल गाजा में कैसे आगे बढ़ना चाहता है और कतर की मध्यस्थता की भूमिका बनाए रखने में अपने हितों का आकलन कैसे करना चाहता है। नेतन्याहू ने कहा, आज इजराइल में आपकी मौजूदगी साफ संदेश है कि अमेरिका इजराइल के साथ खड़ा है। आप आतंक के खिलाफ हमारे साथ खड़े हैं। दोहा हमले, जिसमें कम से कम पाँच निचले स्तर के हमास सदस्य और कतरी सुरक्षा बलों के एक सदस्य मारे गए, उसने मध्यस्थता के प्रयासों को रोक दिया है।
रुबियो ने बाद में बंधकों के परिवारों से मुलाकात की, जिन्होंने चिंता जताई कि इजराइल का नया हमला उनके प्रियजनों के लिए खतरा बन सकता है और ट्रंप प्रशासन से बातचीत जल्द से जल्द फिर से शुरू करने की अपील की, जैसा कि बंधकों के रिश्तेदारों का प्रतिनिधित्व करने वाले मुख्य समूह के एक बयान में बताया गया है। गाज़ा की ऊंची इमारत पर हमले के फुटेज में इजराइल ने अपने हमले को आगे बढ़ाते हुए गाजा शहर में एक और ऊंची इमारत को ध्वस्त कर दिया। वीडियो फुटेज में विस्फोट और मीनार के ढहने को दिखाया गया है। बाद में, लोगों को धूसर खंडहरों के एक ढेर पर चढ़ते देखा जा सकता है।
हाल के दिनों में इजराइल ने निकासी चेतावनियों के बाद कई ऊंची इमारतों को बर्बाद कर दिया है। उसने हमास पर बिना सबूत दिए उनमें निगरानी उपकरण लगाने का आरोप लगाया। शिफा अस्पताल के स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि रात भर और सोमवार तक हुए हवाई हमलों में बच्चों सहित कम से कम 14 लोग मारे गए। इस अस्पताल में मारे गए लोगों के शव लाए गए थे। रात भर हुए हमलों में से एक गाज़ा शहर में एक परिवार के तंबू पर हुआ, जिसमें सात लोग मारे गए। शिफा के अनुसार एक अन्य हमला एक इमारत की छत पर लगे तम्बू पर हुआ, जिसमें एक स्थानीय पत्रकार मोहम्मद अल-कुइफी और एक अन्य शख्स की मौत हो गई। वहीं इजराइल का कहना है कि वो केवल उग्रवादियों को निशाना बनाता है और नागरिकों की मौत के लिए हमास को ज़िम्मेदार है क्योंकि वो आबादी वाले इलाकों में फैला हुआ है।
गाजा शहर के रहने वाले मोहम्मद सबर ने कहा, ये एक और भयावह रात थी। हालात दिन-ब-दिन दुखद और बदतर होते जा रहे हैं। रुबियो ने गाज़ा सिटी में इजराइल के नए अभियानों को लेकर अमेरिका की चिंताओं को कम करके आंका, और नेतन्याहू ने इस बात का कोई संकेत नहीं दिया कि इजराइल अपनी आक्रामकता कम करेगा। अमेरिका और इजराइल ने फिलिस्तीनी राज्य की मांग को खारिज किया। रुबियो के दौरे का एक कारण इजराइल के प्रति समर्थन दिखाना था क्योंकि आगामी संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र में इजराइल को युद्ध की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय निंदा का सामना करना पड़ सकता है। कई यूरोपीय देशों और कनाडा ने कहा है कि वे अमेरिका और इजराइल की तीखी आपत्तियों के बावजूद एक फ़िलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने का इरादा रखते हैं।
कुछ इजराइली राजनेताओं ने संकेत दिया है कि इजराइल पश्चिमी तट के एक हिस्से पर कब्ज़ा करके जवाब दे सकता है। रुबियो ने कहा कि राज्य का दर्जा देना बातचीत के जरिए राज्य बनाने के लिए प्रतिकूल है और उन्होंने सुझाव दिया कि ऐसी घोषणाएं स्वार्थी हैं। उन्होंने कहा, इनका असल में सिर्फ़ यही असर हुआ है कि इससे हमास का हौसला और बढ़ गया है। इसने असल में शांति में बाधा डाली है। साल 2009 में नेतन्याहू के सत्ता में लौटने के बाद से इजराइल और फ़िलिस्तीनियों के बीच कोई गंभीर या ठोस शांति वार्ता नहीं हुई है। फ़िलिस्तीनी राज्य के दर्जे का कड़ा विरोध करने वाले नेतन्याहू ने कहा, “ये साफ है कि अगर हमारे खिलाफ एकतरफा कार्रवाई की जाती है, तो ये हमारी ओर से एकतरफा कार्रवाई को आमंत्रित करता है। US-Israel Relations
फ़िलिस्तीनी दक्षिण की ओर भाग रहे हैं। इजराइल गाजा शहर में फ़िलिस्तीनियों से दक्षिण की ओर जाने की अपील कर रहा है लेकिन मुवासी में लोगों के लिए शरण लेने की बहुत कम जगह है। मुवासी एक विशाल, भीड़-भाड़ वाला तंबू शिविर है, जिसे इजराइल ने मानवीय क्षेत्र घोषित किया है और जहां वो नियमित रूप से उन ठिकानों पर हमले करता रहा है, जिन्हें वो चरमपंथी लक्ष्य कहता है। गाज़ा में नागरिक मामलों के प्रभारी इज़राइली सैन्य निकाय सीओजीएटी ने कहा कि उसने गाजा में आने वाले भोजन, चिकित्सा उपकरणों और आश्रय सामग्री की मात्रा बढ़ा दी है, जिसमें मई से लाए गए 20,000 तंबू भी शामिल हैं। उसने कहा कि उसने विलवणीकरण संयंत्रों के लिए पानी और बिजली की लाइनों की मरम्मत भी की है। सोमवार को तस्वीरों में फ़िलिस्तीनियों का एक समूह समुद्र के किनारे उस संकरी सड़क पर पैदल और गाड़ी चलाते हुए दिखाई दिया, जिसे इजराइल ने एक सुरक्षित गलियारा घोषित किया था।
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गाजा में युद्ध तब शुरू हुआ जब सात अक्टूबर, 2023 को हमास के नेतृत्व वाले आतंकवादियों ने दक्षिणी इजरायल में धावा बोल दिया, जिसमें लगभग 1,200 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर नागरिक थे और 251 का अपहरण कर लिया गया। अधिकांश बंधकों को कतर या अन्य समझौतों के माध्यम से संघर्ष विराम के तहत रिहा कर दिया गया है। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इजराइल के जवाबी हमले में कम से कम 64,871 फ़िलिस्तीनी मारे गए हैं, हालांकि मंत्रालय ने ये नहीं बताया कि इनमें कितने नागरिक या लड़ाके थे। हमास की सरकार का हिस्सा और चिकित्सा पेशेवरों से लैस इस मंत्रालय का कहना है कि मृतकों में लगभग आधी संख्या महिलाओं और बच्चों की है।
