Uttarakhand: उत्तराखंड (Uttarakhand) के बागेश्वर जिले के पौंसारी गांव में रात भर हुई भारी बारिश के कारण आए विनाशकारी मलबे ने 5 लोगों की जान ले ली। ये आपदा रविवार 31 अगस्त की देर रात आई, जिसमें दो घर टनों मलबे में दब गए। अब तक तीन शव बरामद किए जा चुके हैं और दो लोग लापता हैं। Uttarakhand
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अधिकारियों के अनुसार पांच निवासी बाढ़ में फंसे हुए हैं। खोज और बचाव अभियान लगातार तीसरे दिन भी जारी है और टीमें दो लापता व्यक्तियों का पता लगाने की कोशिश कर रही हैं। जिलाधिकारी आशीष भटगई ने बचाव अभियान की स्थिति की जानकारी देते हुए कहा, पौंसारी गांव में पांच लोग लापता हैं। तीन शव बरामद कर लिए गए हैं। दो अब भी लापता हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और बाकी टीमें अब भी उनकी तलाश कर रही हैं। डॉग स्क्वॉड भी तैनात किए गए हैं। प्रभावित परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। आपदा का असर विनाशकारी रहा है। घर, कृषि भूमि और जरूरी संसाधन नष्ट हो गए हैं। विस्थापित ग्रामीणों के सामने अब अनिश्चितता भरा भविष्य है। Uttarakhand
स्थानीय निवासी हीरा बल्लभ जोशी ने निराशाजनक परिस्थितियों का जिक्र करते हुए कहा कि हमारे गांव में रहने के लिए कोई जगह नहीं है। पूरा गांव तबाह हो गया है। पांच लोग मारे गए हैं। सरकार ने हमारे रहने के लिए इस स्कूल में व्यवस्था की है। हमने अपनी जमीन खो दी है। हमने सब कुछ खो दिया है। हम कहां जाएं? हम क्या खाएं? हमारे पास रहने के लिए कोई जगह नहीं है। ग्रामीणों ने तत्काल विस्थापन और स्थायी पुनर्वास की मांग करते हुए कहा है कि उनका जन्मस्थान अब रहने के लिए सुरक्षित नहीं है। Uttarakhand
इस आपदा ने सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। नदियों और नालों के जलस्तर में अचानक वृद्धि के कारण लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाए गए सात पैदल पुल बह गए, जिससे लगभग चार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। सड़कों को ₹3.15 करोड़ का नुकसान हुआ, जबकि सिंचाई विभाग ने नहरों को ₹133.50 लाख का नुकसान बताया। इसके अलावा ₹72 लाख मूल्य के बाढ़ सुरक्षा कार्य और ₹54 लाख मूल्य की पेयजल लाइनें भी नष्ट हो गईं। मुख्यमंत्री का प्रभावित गांव का निर्धारित दौरा खराब मौसम के कारण रद्द कर दिया गया। हालांकि, जिला प्रशासन ने विस्थापित निवासियों के लिए भोजन और अस्थायी आवास उपलब्ध कराने के लिए एक राहत केंद्र बनाया है।