Uttarakhand: उत्तराखंड के देहरादून में अगर किसी पालतू कुत्ते ने किसी व्यक्ति को काट लिया, तो उसके मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा सकती है। देहरादून में पालतू कुत्तों के हमलों की बढ़ती घटनाओं खासतौर पर रॉटवीलर जैसी आक्रामक नस्लों से जुड़े मामलों के बाद नगर निगम ने कुत्ता पालने को लेकर सख्त नियम बनाने का फैसला किया है। Uttarakhand
इसी वजह से नगर निगम ने देहरादून डॉग लाइसेंसिंग उपनियम-2025 को अंतिम रूप दिया है। नए नियमों के तहत अगर कोई पालतू कुत्ता किसी व्यक्ति को काटता है, तो केवल चालान ही नहीं बल्कि कुत्ते के मालिक के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की जा सकेगी। इतना ही नहीं नगर निगम को ये अधिकार भी होगा कि वो संबंधित कुत्ते को अपनी कस्टडी में ले सके। नए नियम सरकारी गजट में प्रकाशित होने के बाद लागू होंगे। इसके तहत अब तीन महीने से ज्यादा उम्र के कुत्तों के लिए लाइसेंस लेना जरूरी कर दिया गया है। ये लाइसेंस एक साल के लिए मान्य होगा।
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हालांकि, नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि अब भी इससे जुड़े नियम के मसौदे पर काम जारी है और इन नियमों को अंतिम रूप देने से पहले जनता से सुझाव और आपत्तियां मांगी जाएंगी, ताकि सभी की राय को शामिल किया जा सके। हालांकि, पशु कल्याण संगठनों ने नियमों के दिशा-निर्देशों की ओर बढ़ते कदम का समर्थन किया है। हालांकि उन्होंने नियमों की व्याख्या और लागू करने के तरीके को लेकर चिंता जताई है।
पशु कार्यकर्ताओं का मानना है कि जवाबदेही जरूरी है लेकिन कानून के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए सुरक्षा उपाय भी किए जाने चाहिए। बनाए जा रहे नियमों के मुताबिक अब लाइसेंस बनवाते समय पशु चिकित्सक द्वारा जारी रेबीज टीकाकरण का प्रमाण पत्र देना जरूरी होगा। यह एक अतिरिक्त शर्त है क्योंकि शहर पालतू जानवरों के मालिकाना हक पर कड़ी निगरानी की ओर बढ़ रहा है। Uttarakhand
