Waqf Amendment Bill: केंद्र ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल किया और वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर कोई भी आदेश पारित करने से पहले उनका पक्ष सुनने की मांग की। कैविएट किसी पक्ष की ओर से उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल किया जाता है ताकि ये तय हो सके कि बिना उसका पक्ष सुने बिना कोई आदेश न पारित किया जाए।
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सुप्रीम कोर्ट में नए अधिनियमित कानून की वैधता को चुनौती देते हुए नेताओं, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और जमीयत उलमा-ए-हिंद की याचिकाओं सहित 10 से अधिक याचिकाएं दायर की गई हैं। इस घटनाक्रम में वकीलों ने कहा कि याचिकाओं को 15 अप्रैल को पीठ के सामने सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किए जाने की संभावना है, हालांकि ये विषय अभी तक सर्वोच्च न्यायालय की वेबसाइट पर दिखाई नहीं दे रहा है।
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मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने सात अप्रैल को जमीयत उलमा-ए-हिंद की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल को याचिकाओं को सूचीबद्ध करने पर विचार करने का भरोसा दिया था।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पांच अप्रैल को वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को अपनी मंजूरी दे दी, जिसे संसद के दोनों सदनों में गरमागरम बहस के बाद पारित कर दिया गया।