पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता राजेन गोहैन ने शुक्रवार को असम में नगांव लोकसभा सीट के परिसीमन के विरोध में कैबिनेट रैंक से अपना इस्तीफा दे दिया।
कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा देते हुए गोहैन ने कहा, “नहीं, मैं पार्टी नहीं छोड़ रहा हूं। नागांव सीट से जीत हासिल करने के बाद ब्रह्मपुत्र घाटी के लोगों ने बीजेपी पर विश्वास करना शुरू किया। मेरे कार्यकाल में मैं सांसद बना और उसके बाद प्रदेश अध्यक्ष बना और असम में बीजेपी की लहर लाया था।”
मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र में उन्होंने कहा, “आपके साथ कई दौर की चर्चा के बावजूद मुझे डर है कि नगांव लोकसभा क्षेत्र के गठन के तरीके पर मेरी चिंताओं और मेरे गहरे असंतोष से कोई बदलाव नहीं आया।”
गोहैन ने कहा, “मैं ठगा हुआ और लगभग अपमानित महसूस कर रहा हूं कि मेरे जैसे वरिष्ठ सदस्य की पार्टी के अपने लाभ के लिए वास्तविक चिंता के बारे में अपनी ही पार्टी के नेताओं ने नहीं सुनी।” कहा कि नहीं-नहीं पार्टी क्यों छोड़ूंगा। ये पार्टी तो और देखिए यही जो नगांव सीट हैं न उसी सीट जीतने के बाद ही ब्रह्मपुत्र वैली में बीजेपी के प्रति लोगों का आग्रह बढ़ा और मेरा समय में मैं सांसद होने के बाद ही स्टेट का प्रेसीडेंट बना और स्टेट का प्रेसीडेंट बनकर मैं सारा असम में बीजेपी का लहर लाया था।” उन्होंने कहा, “मैं 25 सालों से अधिक समय से पार्टी का एक वफादार सिपाही रहा हूं। साथ ही लगातार चार बार संसद सदस्य (सांसद) के रूप में नागांव लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है, जो कि 20 वर्षों की अवधि है और मुझे लगता है कि इस मामले पर मेरा अनुभव अच्छा होना चाहिए। ‘गिनती की गई है और मेरे लोगों की पहचान के लिए मेरी चिंताओं का सम्मान होना चाहिए।”
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अपने इस्तीफे के पीछे का कारण बताते हुए गोहैन ने आगे कहा, “मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि ये एक बेहद निजी फैसला है जो मैंने लिया है। मैं हमेशा की तरह भारतीय जनता पार्टी के प्रति वफादार रहूंगा।”
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