World Oral Health Day: आजकल की डिजिटल मां अपने कामों में इतनी व्यस्त होती हैं कि बच्चों की देखरेख का भी समय नहीं बच पाता। बच्चों के जन्म से कुछ समय बाद ही उन्हें बोतल से दूध पिलाना शुरू कर देती हैं या उनकी गैरमौजूदगी में कोई और बच्चे को बोतल से दूध पीला देता है। ये सुनने में एक समान्य सी आदत है लेकिन इसका आपके बच्चे पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। लंबे समय तक बच्चे को बोतल से दूध पिलाने पर उन्हें बेबी बॉटल सिंड्रोम होने का रिस्क बढ़ जाता है।
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दरअसल, बेबी बॉटल सिंड्रोम एक ऐसी स्थिति है जो बच्चों में दांतों की समस्याओं का कारण बनती है। यह स्थिति तब होती है जब बच्चे को दूध पिलाने के लिए बोतल का उपयोग करते हैं और बच्चा दूध को अपने दांतों पर जमा होने देता है। बेबी बॉटल सिंड्रोम के कई कारण हो सकते हैं, जैसे- दूध पीने के लिए बोतल का उपयोग करने से दूध दांतों पर जमा हो सकता है। दूध को दांतों पर जमा होने देने से दांतों में समस्याएं हो सकती हैं। या फिर दांतों की सफाई न करने से दांतों में समस्याएं हो सकती हैं। ऐसा करने पर बच्चे को दांतों में दर्द हो सकता है। दांतों में सड़न या पीलापन हो सकता है।
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बेबी बॉटल सिंड्रोम से बचाव के लिए आप बच्चे को दूध पिलाने के लिए बोतल का उपयोग कम करें। साथ ही बच्चों की दांतों की सफाई नियमित रुप से करें इससे दांतों में समस्याएं कम हो सकती हैं।