Karnataka Politics: कर्नाटक के कई वरिष्ठ मंत्री गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से उनके दिल्ली आवास पर मिले। ये बैठक ऐसे समय हुई जब मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनके उप-मुख्यमंत्री डी के शिवकुमार दिल्ली में मौजूद हैं। राज्य में मुख्यमंत्री बदलने की अटकलों के बीच यह बैठक चर्चा का विषय बनी हुई है।गौरतलब है कि उसी दिन मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने दिल्ली में कहा कि मुख्यमंत्री पद पर अभी कोई खाली जगह नहीं है और वो पूरा पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे। उन्होंने शिवकुमार के मुख्यमंत्री बनने की अटकलों को सिरे से खारिज कर दिया।
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सूत्रों के अनुसार, सिद्धारमैया और शिवकुमार कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अन्य केंद्रीय नेताओं से मुलाकात की तैयारी कर रहे हैं।खरगे से मिलने वाले मंत्रियों में गृह मंत्री जी. परमेश्वर, कानून मंत्री एच. के. पाटिल, वन मंत्री ईश्वर खंड्रे, पीडब्ल्यूडी मंत्री सतीश जरकीहोली, सामाजिक कल्याण मंत्री एच सी महादेवप्पा, आवास मंत्री बी जेड जमीर अहमद खान, स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव और चिकित्सा शिक्षा मंत्री शरण प्रकाश पाटिल शामिल थे।मंत्रियों ने कहा कि ये एक औपचारिक बैठक थी, लेकिन कुछ ने माना कि बैठक में राज्य की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा हुई। पीडब्ल्यूडी मंत्री सतीश जरकीहोली ने कहा, “यह एक सौहार्दपूर्ण बैठक थी, हमने सरकार की गतिविधियों और राजनीतिक स्थिति पर चर्चा की।”जब उनसे मुख्यमंत्री के बयान के बीच बैठक के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बैठक तीन दिन पहले तय हुई थी और मुख्यमंत्री का बयान आज सुबह आया है, इसलिए दोनों का कोई संबंध नहीं है।
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वन मंत्री ईश्वर खंड्रे और स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने कहा कि मीडिया में चल रही अटकलें बेबुनियाद हैं और सिद्धारमैया तथा कांग्रेस उच्च नेतृत्व ने स्पष्ट कर दिया है कि मुख्यमंत्री पद परिवर्तन का कोई सवाल ही नहीं है।सिद्धारमैया के पुत्र और कांग्रेस एमएलसी यथिंद्र ने भी कहा कि उनके पिता पूरा पांच साल का कार्यकाल पूरा करेंगे। कांग्रेस के कर्नाटक प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी साफ किया कि पार्टी नेतृत्व के सामने मुख्यमंत्री पद परिवर्तन का कोई मामला नहीं है।सतीश जरकीहोली ने कहा कि केवल दस प्रतिशत विधायक ही इस बारे में चर्चा कर रहे हैं और मुख्यमंत्री का पांच साल पूरा करने का बयान उन सभी के लिए साफ संदेश है।वहीं, कुनीगल विधायक रंगनाथ ने शिवकुमार के मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जताई और कहा कि शिवकुमार ने पार्टी के लिए 40 साल काम किया है और विधानसभा चुनावों में पार्टी को 140 सीटें दिलाने में उनका बड़ा योगदान है।बीजेपी नेता आर. अशोक ने इस मामले पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस आज सत्ता के लिए लड़ाई का मैदान बन गई है और पार्टी के नेता जनता के बजाय अपनी सत्ता की चिंता करते हैं।पिछले विधानसभा चुनाव के बाद सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर कड़ी टक्कर थी। कांग्रेस ने अंत में शिवकुमार को उप-मुख्यमंत्री बनाया था। कुछ रिपोर्टों में यह भी कहा गया था कि मुख्यमंत्री पद के लिए “रोटेशन फार्मूला” तय हुआ है, जिसके तहत शिवकुमार दो और आधे साल बाद मुख्यमंत्री बनेंगे, लेकिन पार्टी ने इसे आधिकारिक तौर पर स्वीकार नहीं किया है।