आज भारत के गौरवशाली समुद्री इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्राचीन भारतीय तकनीक से बने जहाज ‘INSV कौंडिन्य’ (INSV Kaundinya) की पहली यात्रा पर अपनी खुशी जाहिर की है। पोरबंदर से मस्कट के लिए रवाना हुआ यह जहाज केवल लकड़ी का ढांचा नहीं, बल्कि भारत की प्राचीन ‘स्टिच्ड-शिप’ (Stitched-ship) कला का एक जीता-जागता प्रमाण है।
Read Also: लंदन भारतीय फिल्म महोत्सव में दिवंगत फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल को किया जाएगा सम्मानित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर इस विशेष यात्रा की सराहना करते हुए इसे भारत की समृद्ध समुद्री परंपराओं का प्रतीक बताया है। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि प्राचीन भारतीय ‘स्टिच्ड-शिप’ तकनीक, यानी लकड़ी के तख्तों को धागों से सिलकर जहाज बनाने की विधि से बना यह जहाज हमारे गौरवशाली अतीत को वर्तमान से जोड़ता है।
प्रधानमंत्री ने इस प्रोजेक्ट से जुड़े डिजाइनरों, कारीगरों, जहाज बनाने वालों और भारतीय नौसेना को बधाई दी है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह मिशन खाड़ी देशों के साथ भारत के सदियों पुराने ऐतिहासिक संबंधों को एक नई ऊर्जा देगा।
प्राचीन तकनीक: इस जहाज के निर्माण में कीलों का नहीं, बल्कि रस्सियों और सिलाई की प्राचीन विधि का उपयोग किया गया है। यह पोरबंदर से ओमान के मस्कट तक की ऐतिहासिक समुद्री यात्रा पर निकला है।
Read Also: दिल्ली के जगरीत मिश्रा ने जीती फिडे रेपिड रेटिंग प्रतियोगिता
उद्देश्य: भारत की पुरानी नौसैनिक शक्ति और खाड़ी देशों के साथ हमारे व्यापारिक संबंधों की यादें ताज़ा करना। केंद्र सरकार ने साल 2023 में इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी,इसका मकसद भारत के पुराने जहाज बनाने के हुनर को दुनिया के सामने लाना है।
INSV कौंडिन्य की यह यात्रा न केवल रोमांचक है, बल्कि यह आत्मनिर्भर भारत और हमारी विरासत के संरक्षण का एक बेहतरीन उदाहरण है। प्रधानमंत्री ने चालक दल Crew को सुरक्षित और यादगार यात्रा की शुभकामनाएं दी हैं। पूरी दुनिया आज देख रही है कि कैसे भारत अपनी जड़ों की ओर लौटकर भविष्य की नई राहें बना रहा है।
