(प्रदीप कुमार): भारत दौरे पर आए गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल-सिसी का आज राष्ट्रपति भवन में जोरदार स्वागत हुआ। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति अल-सिसी के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता में दोनों देशों ने कई महत्वपूर्ण समझौते किए हैं। भारत दौरे पर आए मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल सिसी का आज राष्ट्रपति भवन में जोरदार स्वागत किया गया। यहां पीएम मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनका स्वागत किया।राष्ट्रपति भवन में अल-सिसी को गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया गया।
राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने कहा कि भारत के 74 वें गणतंत्र दिवस पर चीफ गेस्ट बनना मेरे लिए महान सौभाग्य है। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मिस कि राष्ट्रपति के बीच दिल्ली के हैदराबाद हाउस में महत्वपूर्ण द्विपक्षीय वार्ता हुई। यहां दोनों देशों के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में मिस्र के राष्ट्रपति अल-सिसी के साथ आए एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने भी हिस्सा लिया, जिसमें मंत्री और सीनियर अधिकारी शामिल रहे।
द्विपक्षीय बैठक के बाद दोनों देशों ने साझा बयान जारी किया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत और मिस्र विश्व की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से हैं। हमारे बीच कई हजारों सालों का रिश्ता रहा है। 4 हजार साल से भी पहले गुजरात के लोथल पोर्ट के जरिए भारत-मिस्र के साथ व्यापार होता था। पीएम मोदी ने कहा कि हम आतंकवाद के मुद्दे पर साथ हैं, यह मानवता के लिए बड़ा खतरा है। पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने इस साल अपनी G-20 अध्यक्षता के दौरान मिस्र को गेस्ट देश के रूप आमंत्रित किया है। यह हमारी खास दोस्ती को दिखाता है।
द्विपक्षीय बैठक में दोनों देशों ने रक्षा उद्योगों के बीच सहयोग को और मजबूत करने और काउंटर टेररिज्म से जुड़ी सूचना और इंटेलिजेंस का आदान-प्रदान बढ़ाने का भी निर्णय लिया है।इनके अलावा बैठक में दोनों देशों के बीच राजनीतिक, सुरक्षा, आर्थिक और वैज्ञानिक क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी है। दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों का जिक्र करते हुए विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए द्विपक्षीय समझौतों की जानकारी दी।
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दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करने और खूफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान का भी फैसला लिया गया है। इसके अलावा दोनों देश कट्टरपंथ को बढ़ाने के लिए साइबर स्पेस के इस्तेमाल से निपटने के लिए भी साथ मिलकर काम करेंगे। दोनों देशों ने यूक्रेन संकट के कारण प्रभावित फूड सप्लाई को फिर से सामान्य करने पर भी चर्चा की। मिस्र के राष्ट्रपति अल-सिसी गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि है। राष्ट्रपति अल-सिसी यहां कई कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे।द्विपक्षीय वार्ता से पहले मिस्र के राष्ट्रपति अल-सिसी ने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी।
भारत और मिस्र इस वर्ष राजनयिक संबंधों की स्थापना के 75 वर्ष मना रहे हैं। यह पहली बार है कि मिस्र के राष्ट्रपति को हमारे गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। 2022-23 में भारत की G-20 की अध्यक्षता के दौरान मिस्र को भी ‘अतिथि देश’ के रूप में आमंत्रित किया गया है। गणतंत्र दिवस परेड में मिस्र की सेना का एक सैन्य दल भी हिस्सा लेगा।
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