अयोध्या में प्रभु श्रीराम मंदिर निर्माण की पूर्णता और करोड़ों भक्तों की आस्था के विजय के प्रतीक भव्य राम मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण के अवसर पर काशी विश्वनाथ धाम में श्रद्धालु आज भगवान शिव के आराध्य प्रभु श्रीराम की आराधना में लीन रहे। वहीं आज काशी से 61 सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल राम मंदिर के शिखर पर कल होने वाले ध्वजारोहण समारोह में शामिल होने के लिए अयोध्या जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर, 2025 को राम मंदिर के शिखर पर 22 फुट लंबी और 11 फुट चौड़ी धर्म ध्वजा फहराकर ध्वजारोहण का पवित्र अनुष्ठान संपन्न करेंगे।
आपको बता दें, सूर्य नारायण के प्रकाश पुंज की पहली किरण विश्वनाथ धाम के गंगा द्वार पर पड़ते ही बाबा विश्वनाथ का धाम उनके आराध्य भगवान श्री राम के जयकारों से गूंज उठा। भगवान शिव शंकर के प्रिय और आराध्य प्रभु श्री राम के भजन श्री रामचंद्र कृपालु भजमन हरण भवभय दारुणम, राम आ गए हैं – राम आ गए हैं की स्तुति से भारत की सुख और समृद्धि के लिए प्रार्थना की गई।
नमामि गंगे संयोजक राजेश शुक्ला ने बताया कि 25 नवंबर को पूरे देश में विवाह पंचमी का पर्व मनाया जाएगा और उसी दिन राम मंदिर के शिखर पर केसरिया धर्म ध्वजा फहराया जाएगा। हिंदू धर्म में हमेशा से ही मंदिर पर ध्वजा फहराने की परंपरा बहुत ही प्राचीन और महत्वपूर्ण रही है। धर्म शास्त्रों में कहा गया है कि मंदिरों पर फहराया गया ध्वज देवता की मंदिर में उपस्थिति को दर्शाता है और जिस क्षेत्र और दिशा में वह लहराता है, वह पूरा क्षेत्र पवित्र माना जाता है। शास्त्रों में मंदिर के शिखर का ध्वज मंदिर में विराजमान देवता की महिमा, शक्ति, संरक्षण और अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक बताया गया है।
