अधिकारियों ने बताया कि ये हमला ऐसे समय में हुआ है, जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे डी वेंस भारत दौरे पर हैं और पर्यटन और ट्रैकिंग का मौसम जोर पकड़ रहा है। ये हमला दोपहर करीब तीन बजे हुआ।पहलगाम के रिसॉर्ट शहर से करीब छह किलोमीटर दूर बैसरन एक विशाल घास का मैदान है, जो घने देवदार के जंगलों और पहाड़ों से घिरा हुआ है और देश-दुनिया से आने वाले पर्यटकों के बीच खासा लोकप्रिय है।गृह मंत्री अमित शाह इस वक्त श्रीनगर पहुंच चुके हैं. बताया जा रहा है कि कुल चार आतंकियों ने इस वारदात को अंजाम दिया,
अधिकारियों और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हथियारबंद आतंकवादी ‘मिनी स्विटजरलैंड’ कहे जाने वाले घास के मैदान में घुस आए और खाने-पीने की दुकानों के आसपास घूम रहे, टट्टू की सवारी कर रहे या पिकनिक मना रहे पर्यटकों पर गोलीबारी शुरू कर दी। कश्मीर घाटी में हुए इस हमले में कम से कम 20 लोग घायल हो गए हैं।
जैसे ही कश्मीर में पर्यटकों पर हुए हमले की जिम्मेदारी प्रतिबंधित पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के छाया समूह द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली।अधिकारियों ने कहा कि ये संभव है कि आतंकवादी समूह जम्मू के किश्तवाड़ से दक्षिण कश्मीर के कोकरनाग के रास्ते बैसरन पहुंचे हों।सऊदी अरब की यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घटना की जानकारी दी और सभी एजेंसियों के साथ तत्काल सुरक्षा समीक्षा बैठक करने के लिए तुरंत श्रीनगर के लिए रवाना हो गए।
प्रधानमंत्री ने एक्स पर किए पोस्ट पर कहा, “मैं पहलगाम, जम्मू और कश्मीर में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। अपने प्रियजनों को खोने वालों के प्रति संवेदना। मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल जल्द से जल्द ठीक हो जाएं। प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है।उन्होंने कहा, “इस जघन्य कृत्य के पीछे जो लोग हैं, उन्हें इंसाफ के कटघरे में खड़ा किया जाएगा… उन्हें बख्शा नहीं जाएगा! उनका नापाक एजेंडा कभी सफल नहीं होगा। आतंकवाद से लड़ने का हमारा संकल्प अडिग है और ये और भी मजबूत होगा।”
बैसरन तक केवल पैदल या घोड़ों से ही पहुंचा जा सकता है, इसलिए घायलों को निकालने के लिए हेलीकॉप्टरों को तैनात किया गया। मारे गए और घायलों के परिवारों को कड़ी सुरक्षा के बीच सरकारी स्वामित्व वाले पहलगाम क्लब ले जाया गया।पूरे जिला प्रशासन और पुलिस बल को तैनात किया गया और एम्बुलेंसों को सेवा में लगाया गया।कुछ घायलों को स्थानीय लोगों ने अपने टट्टुओं पर घास के मैदान से नीचे लाया।
अधिकारियों ने बताया कि गोलियों की आवाज आने की शुरुआती खबर मिलने के बाद सेना, सीआरपीएफ और पुलिस बैसरन पहुंची, जो 1980 के दशक में फिल्म निर्माताओं के बीच काफी लोकप्रिय था।उन्होंने बताया कि हमलावरों की तलाश के लिए बड़े पैमाने पर आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किया गया है और सुरक्षा बलों को सभी दिशाओं में तैनात किया गया है।
जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने अनंतनाग और श्रीनगर में चौबिसों घंटे का आपातकालीन नियंत्रण कक्ष बनाया गया है।अब्दुल्ला ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “मृतकों की संख्या का अभी पता लगाया जा रहा है, इसलिए मैं उन विवरणों में नहीं जाना चाहता। स्थिति स्पष्ट होने पर उन्हें आधिकारिक रूप से सूचित किया जाएगा। कहने की जरूरत नहीं है कि यह हमला हाल के वर्षों में नागरिकों पर किए गए किसी भी हमले से कहीं बड़ा है।”
उन्होंने कहा, “मैं अविश्वसनीय रूप से स्तब्ध हूं। हमारे आगंतुकों पर यह हमला एक घृणित कार्य है। इस हमले के अपराधी जानवर, अमानवीय और घृणा के पात्र हैं। निंदा के लिए कोई भी शब्द पर्याप्त नहीं है। मैं मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करता हूं।”
जम्मू और कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा के कार्यालय ने कहा कि आतंकियों को बेअसर करने के लिए आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू किया गया है।उन्होंने एक्स पर कहा, “पूरा देश गुस्से में है और हमारे बलों का खून खौल रहा है। मैं देश को भरोसा देना चाहता हूं कि पहलगाम हमले के अपराधियों को उनके जघन्य कृत्य के लिए बहुत भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएं।”