OM Birla on Emergency:लोकसभा का स्पीकर बनने के बाद ही ओम बिरला ने लोकसभा में भाषण दिया है।भाषण के दौरान ओम बिरला ने इमरजेंसी जिक्र कर इसे इतिहास का काला धब्बा बताया। ओम बिरला ने कहा कि इमरजेंसी के दौरान नागरिकों के अधिकारों का हनन हुआ था। कांग्रेस ने संविधान की भावना को कुचलने काम किया। ओम बिरला आगे बोलते है कि यह सदन 1975 में आपातकाल लगाने के फैसले की कड़ी निंदा करता है.बता दें कि ओम बिरला को 18वीं लोकसभा के अध्यक्ष के रूप में ध्वनि मत से चुना गया। वो लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष बने हैं।
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इमरजेंसी की निंदा- लोकसभा का स्पीकर चुने जाने के बाद ओम बिरला ने कहा कि, ‘यह सदन 1975 में इमरजेंसी लगाने के फैसले की कड़ी निंदा करता है. इसके साथ ही हम उन सभी लोगों के दृढ़ संकल्प की सराहना करते हैं, जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया भारत के लोकतंत्र की रक्षा का दायित्व निभाया.’ साथ ही उन्होंने कहा कि 25 जून 1975 को लगाई गई इमरजेंसी को देश के इतिहास में हमेशा एक काले अध्याय के रूप में जाना जाएगा।
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लोकसभा में मचा हंगामा- स्पीकर का पद मिलने के बाद ओम बिरला के इमरजेंसी की निंदा करते हुए भाषण दे रहे थे तब सदन में जोरदार हंगामा हुआ।सत्ता पक्ष ( NDA ) ने कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ जैसे नारे लगाए.उधर विपक्षी सांसदों ने भी इसका पलटवार किया. स्पीकर के इस भाषण को सुनकर ( INDIA ALLIANCE ) हक्का-बक्का रह गया । इस हंगामे के बीच लोकसभा की कार्रवाई स्थगित कर दी गई ।