New Criminal Law: देशभर में सोमवार से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए है। जिसके तहत भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में व्यापक बदलाव देखने को मिलेंगे और औपनिवेशिक काल के कानूनों का भी अंत हो जाएगा. भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम ब्रिटिश काल के क्रमश: भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम का स्थान लेंगे।बता दें कि कांग्रेस समेत विभिन्न विपक्षी दल इन कानूनों पर विरोध जता रहे हैं। आइए जानते हैं कि विपक्षी दलों ने इस नए कानून पर क्या कहा है।
शशि थरूर ने कही ये बात – कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा हमारी सबसे बड़ी चिंता ये है कि संसद में विपक्ष के साथ इस पर चर्चा नहीं की गई, आप जानते हैं कि सभी विधेयकों को बिना बहस के पारित कर दिया गया। ये स्वस्थ नहीं है, हममें से कई लोगों ने आईपीसी में आमूल-चूल बदलाव का आह्वान किया है, लेकिन हम पूर्ण चर्चा चाहते थे, वो चर्चा कभी नहीं हुई। हमारे जैसे लोकतंत्र में ये बहुत खेदजनक है।”
AAP प्रियंका कक्कड़ ने किया विरोध – आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा जो ये नए लॉ अब आए हैं बिना किसी चर्चा के 140 प्लस सांसदो को सस्पेंड करके, बिना किसी चर्चा के ये लॉ लाए गए हैं। ये तो निश्चित ही है कि कोर्ट पर ज्यादा भार पड़ेगा क्योंकि दो सिस्टम आज से ऑपरेशन में होंगे क्रिमनल लॉ के दूसरा आप अगर लॉ को पढ़ेंगें तो इनमें पुलिस को बहुत पावर दी गई है। भाजपा ने अपने लिए करप्शन का एक और जरिया खोल लिया है।”
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बृंदा करात ने दी ये प्रतिक्रिया- सीपीआई (एम) नेता बृंदा करात ने कहा सीपीआई (एम) ने मांग की है कि सरकार को इन कानूनों को लागू नहीं करना चाहिए और इसके दो पहलू हैं, पहला पहलू पिछली लोकसभा में विपक्षी सदस्यों की गैरहाजिरी में इन कानूनों को लागू करने के लिए सरकार की अपनाई गई प्रक्रिया है। लोकसभा से निलंबित कर दिया गया, न तो संसद में कोई चर्चा की गई और न ही इसे स्थाई समिति के पास भेजा गया।”