Bihar Bridge Collapsed: बिहार से लगातार निर्माणाधीन पुलों के गिरने का सिलसिला जारी है। हाल में पुलों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है। जिसमें कहा गया है कि कोर्ट राज्य सरकार को निर्देश दे कि वो सभी निर्माणाधीन पुलों की जांच कराए। पुल के गिरने पर राजनीति भी तेज हो गई है।जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने शुक्रवार को बिहार में पुल ढहने की कई घटनाओं पर कहा कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने इस मुद्दे को शांत करने की भी कोशिश की और कहा कि जो पुल गिरे हैं वे सिर्फ “अस्थायी” थे और लोगों की आवाजाही पर कोई असर नहीं पड़ा है।नीरज कुमार के मुताबिक लगातार पुल गिरने को लेकर सरकार ने समीक्षा बैठक की है। उनके मुताबिक ऐसे हादसों को रोकने के लिए राज्य सरकार मंथन कर रही है।बिहार के सारण जिले में गुरुवार को एक और पुल ढह गया। पिछले 15 दिनों में राज्य में इस तरह से पुल गिरने का ये 10वां हादसा है।
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पुल के गिरने पर राजनीति हुई तेज- जिला मजिस्ट्रेट अमन समीर ने कहा कि पिछले 24 घंटों में सारण में ये तीसरा पुल ढहा है। उन्होंने कहा कि जिले में इन छोटे पुलों के ढहने की वजहों का पता लगाने के लिए हाई लेवल जांच के आदेश दिए गए हैं।गंडकी नदी पर बना छोटा पुल बनियापुर ब्लॉक में बना था और सारण के कई गांवों को पड़ोसी सीवान जिले से जोड़ता था।पिछले 16 दिनों में सीवान, सारण, मधुबनी, अररिया, पूर्वी चंपारण और किशनगंज जिलों में कुल मिलाकर दस पुल ढह गए हैं।
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जेडीयू प्रवक्ता ने बोल दी बड़ी बात- जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा राज्य के अंदर मॉनसून आने के बाद जिस तरह की घटनाएं सामने आ रही हैं, राज्य सरकार ने इस संबंध में समीक्षा बैठक की। अब ऐसे पुल भी हैं, छोटे-छोटे पुल-पुलिया हैं, जो मनरेगा से बने हैं, विधायक कोटा से बने हैं, एमपी कोटा से बना है, पंचायती राज से बना है या राज्य सरकार की निधि से बना है।