Union Budget 2024-25: केंद्रीय बजट 2024-25 के करीब आने के साथ ही अलग-अलग सेक्टरों, खासकर मैन्यूफैक्चरिंग और कॉमर्स सेक्टर की उम्मीदें बढ़ गई हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन 23 जुलाई को केंद्रीय बजट पेश करेंगी। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि सरकार कुछ ऐसी अहम नीतियों का ऐलान करेगी जो आगामी वित्तीय वर्ष में भारत की आर्थिक तस्वीर को नया आकार देगी।
एसआईसीसीआई टैक्सेशन कमेटी के चेयरमैन बी. श्रीराम के मुताबिक भारत के आर्थिक एजेंडे का आधार माने जाने वाला मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर, बजट में होने वाले ऐलान का अहम केंद्र बनने वाला है। उनके मुताबिक पिछली एनडीए सरकार के तहत, जीएसटी और इंसॉल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड (आईबीसी) जैसी पहलों के जरिए मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए अहम कदम उठाए गए थे, लेकिन लेबर कोड को लागू किया जाना अभी बाकी है।
Read also- लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने ब्रिक्स संसदीय मंच के पूर्ण अधिवेशन को संबोधित किया
भारत के वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने देश की बड़ी निवेश क्षमता का जिक्र किया, जो अकेले स्वच्छ ऊर्जा में 2030 तक 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर से ज्यादा हो सकती है। उनके मुताबिक ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, सरकार की एक और प्राथमिकता होगी और इससे विदेशी निवेशकों के लिए भारत में बेस बनाने के माहौल पर वास्तव में असर पड़ेगा।
Read also- Weather Update : दिल्ली-NCR में तेज हवाओं के साथ झमाझम बारिश, IMD ने दी चेतावनी
एसआईसीसीआई टैक्सेशन कमेटी चेयरमैन बी. श्रीराम ने कहा कि हम जानते हैं कि पिछली सरकारों के तहत, खासकर इस सरकार के कार्यकाल में माल और सेवा कर (जीएसटी), दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी), और कई दूसरी पहलों को लागू किया। हालांकि, उन्होंने लेबर कोड को छुआ, लेकिन लागू नहीं किया। पिछली सरकार में उनकी तरफ से की गई खास पहलों में से एक देश में मैन्यूफैक्चरिंग माहौल में सुधार करना था।