इस्लामी ताकतों ने शेख हसीना को बांग्लादेश छोड़ने के लिए मजबूर किया, कट्टरपंथियों पर बिफरी तसलीमा नसरीन

Writer Taslima Nasreen: लेखिका तस्लीमा नसरीन ने कहा है कि जिन इस्लामी ताकतों ने उन्हें बांग्लादेश से बाहर निकाला था, उन्होंने ही शेख हसीना को देश छोड़ने पर मजबूर किया है।तस्लीमा नसरीन को उनकी किताब ‘लज्जा’ को लेकर हुए प्रदर्शनों के बाद 1990 के दशक में बांग्लादेश से निकाल दिया गया था।शेख हसीना ने विवादास्पद आरक्षण नीति के खिलाफ जनता में भारी आक्रोश के बीच सोमवार को बांग्लादेश के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और देश छोड़कर चली गईं।

Read also-NHM कर्मचारियों की हड़ताल पर आमने-सामने सरकार और विपक्ष

तस्लीमा नसरीन ने ‘एक्स’ पर लिखा, “शेख हसीना ने इस्लामी ताकतों को खुश करने के लिए मुझे 1999 में उस समय मेरे देश से बाहर निकाल दिया था। उन्होंने मुझे देश में दोबारा घुसने नहीं दिया। छात्र आंदोलन में शामिल उन्हीं इस्लामी ताकतों ने आज हसीना को देश छोड़ने पर मजबूर कर दिया।”तस्लीमा 1994 से बांग्लादेश से बाहर रह रही हैं। 1993 में आए उनके उपन्यास ‘लज्जा’ और 1998 में आई उनकी आत्मकथा ‘अमर मेयेबेला’ समेत उनकी कुछ किताबों को बांग्लादेश सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया था।

Read also-ITR रिफंड का दे रहे झांसा, क्या है साइबर ठगी का एक और नया तिगड़म?

‘लज्जा’ में भारत में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद बंगाली हिंदुओं के साथ हुई हिंसा, रेप, लूटपाट और हत्या की बात कही गई थी, जिसके बाद उनकी इस किताब की काफी आलोचना हुई थी।विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को सर्वदलीय बैठक में नेताओं को जानकारी दी कि भारत ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को मदद का भरोसा दिलाते हुए उन्हें भविष्य की रणनीति तय करने के लिए समय दिया है।

Top Hindi NewsLatest News Updates, Delhi Updates,Haryana News, click on Delhi FacebookDelhi twitter and Also Haryana FacebookHaryana Twitter

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *