Haryana News: हरियाणा के मेडिकल कॉलेजों में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सरकार और विपक्ष कई बार आमने-सामने आ चुके हैं। कांग्रेस और इनेलो ने सरकार को विधानसभा में कई बार डॉक्टरों और कर्मचारियों की कमी के मुद्दे पर घेरा है। अब विधानसभा चुनाव के कारण अन्य विपक्षी दल भी इस मुद्दे को उठाकर सरकार पर हमला कर रहे हैं। आम आदमी पार्टी, दिल्ली और पंजाब में सरकार चला रही है, हरियाणा सरकार को स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर लगातार घेर रही है।
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भाजपा ने दावा किया कि सरकार हर जिले में मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए तेजी से काम कर रही है। वर्तमान में राज्य में पांच सरकारी कॉलेज हैं, और इस वर्ष तीन सरकारी मेडिकल कॉलेज बनकर तैयार होंगे। इनमें जींद, भिवानी और महेंद्रगढ़-नारनौल के मेडिकल कॉलेज भी शामिल हैं। विपक्षी पार्टियों का कहना है कि सरकार केवल कागजों में मेडिकल कॉलेजों की प्रशंसा कर रही है। हालांकि, सरकार ने पिछले दस वर्षों में एक भी मेडिकल कॉलेज शुरू नहीं किया है।
इनेलो के प्रधान महासचिव और विधायक अभय सिंह चौटाला ने कहा कि भाजपा सरकार ने पिछले दस साल में स्वास्थ्य सेवाओं को बर्बाद कर दिया है। अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों की कमी है। इतना ही नहीं, सहयोगी कर्मचारियों की बहुत कमी है। वहीं, इससे पहले भी कांग्रेस ने दस साल तक राज्य पर राज किया था, लेकिन उन्होंने भी स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान नहीं दिया। उस समय भी डॉक्टरों की कमी थी और आज भी ऐसा है। इनेलो-बसपा गठबंधन की सरकार बनने के बाद हरियाणा में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाया जाएगा।
डॉ. सुशील गुप्ता, आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रश्न उठाया है। गुप्ता ने कहा कि अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में दवाएं नहीं हैं और डॉक्टर भी नहीं हैं। चिकित्सा उपकरणों और दवाइयों की कमी है क्योंकि अधिकांश अस्पतालों के भवन पुराने हैं। कई जिलों में गायनी चिकित्सक तक नहीं हैं। विशेषज्ञ चिकित्सक भी नहीं भर्ती किए जा रहे हैं। हरियाणा सरकार मेडिकल कॉलेजों को लेकर सिर्फ लोगों को भ्रमित करने का प्रयास कर रही है। आज तक कोई नया चिकित्सा संस्थान नहीं खुला है। आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर दिल्ली की तर्ज पर स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त किया जाएगा और लोगों को उनके घर के नजदीक सेवा देने के लिए मोहल्ला क्लीनिक शुरू किए जाएंगे।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पूर्व मुख्यमंत्री, ने कहा कि भाजपा सरकार खुलेआम झूठ बोल रही है। यह सबसे बड़ा झूठ है कि बड़े-बड़े पोस्टरों में कहा गया है कि हरियाणा के 15 जिलों में मेडिकल कॉलेज हैं। पिछले दस वर्षों में भाजपा सरकार ने एक भी मेडिकल कॉलेज नहीं बनाया या शुरू किया है। कांग्रेस सरकार ने करनाल मेडिकल कॉलेज बनाया था। भाजपा ने इसके बाद सिर्फ घोषणाएं करके जनता को धोखा दे दिया है। डॉक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ के 50 प्रतिशत से अधिक पद खाली होना स्पष्ट रूप से सरकार का स्वास्थ्य सेवाओं पर कोई ध्यान नहीं है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि पिछले दिनों डॉक्टरों को भी अपनी मांगें मनवाने के लिए हड़ताल करनी पड़ी थी। कांग्रेस इसीलिए भाजपा से हिसाब मांग रही है।
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मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के चीफ मीडिया कोऑर्डिनेटर सुदेश कटारिया ने कहा, विपक्षी दल हरियाणा की सुधरती हालत को हजम नहीं कर रहे हैं। कांग्रेस और इनेलो ने खुद के शासनकाल में कभी मेडिकल कॉलेजों पर विचार नहीं किया। हरियाणा में आम आदमी पार्टी नहीं है। हकीकत में, 2014 में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के कार्यकाल में प्रदेश में मात्र 6 सहायता प्राप्त सहित 15 मेडिकल कॉलेज थे। पहले एमबीबीएस में 700 सीटें थीं। अब इनकी संख्या 2185 है। पीजी सीटें 289 से 1006 की गई हैं। पंडित दीन दयाल उपाध्याय स्वास्थ्य विश्वविद्यालय करनाल में बनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी रेवाड़ी एम्स की आधारशिला रखी है। भाजपा सरकार का सपना है कि हर जिले में मेडिकल कॉलेज बनाए जाएं, और यह हर समय पूरा होगा।
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