Paras Stone:पारस पत्थर को लेकर अकसर बढे बुजुर्गों के द्वारा अनेक कहानी सुनाई जाती है।पारस पत्थर का बारें में ऐसा कहा जाता है कि उसके छुने से लोहा सोना बन जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि वर्तमान समय में पारस पत्थर कहां और किसके पास है और इसका सच क्या है आइए जानते है ।
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प्राचीन समय में ऐसा बताया जाता था कि पारस पत्थर से टकराने के बाद लोहा भी सोना बन जाता था ।पारस पत्थर से जुड़े रोचक किस्से अधिकांश लोगों ने बचपन में सुना होगे। पारस पत्थर को लेकर यह भी कहा जाता है कि भोपाल से 50 किलोमीटर दूर रायसेन के किले में पारस पत्थर आज भी मौजूद है।
जानिये पारस पत्थर का रहस्य -धार्मिक कथाओं के अनुसार ऐसा बताया जाता है कि गरीबी से तंग आकर एक ब्राह्मण ने प्रभु शंकर को प्रसन्न करने के लिए कठोर तप करने लगा था।जिसके बाद भोलेनाथ ने प्रसन्न होकर ब्राह्मण को सपने में दर्शन देकर बताया कि वृंदावन में एक सनातन गोस्वामी हैं, उनके पास जाकर पारस पत्थर मांगो उससे तुम्हारी गरीबी दूर होगी। यह सुनकर ब्राह्मण बहुत खुश हो जाता है।जब ब्राह्मण उस गोस्वामी से मिला तो उन्हें देखकर हैरान हो गया. क्योंकि उनके पास सिर्फ एक जीर्ण धोती और दुपट्टा था. फिर भी उसने गोस्वामी जी को अपनी निर्धनता के बारे में बताते हुए पारस पत्थर मांगा था.
यह भी जानें – गोस्वामी जी ने बताया कि जब एक दिन यमुना स्नास करके वे लोट रहे थे तभी किसी पत्थर से उनका पैर टकराया था, पत्थर देखकर उन्हें अद्भुत लगा था और उन्होंने उसे वहीं जमीन की मिट्टी के नीचे गाढ़ दिया था. उन्होंने उस ब्राह्मण से वहां से पत्थर निकालने को कहा. उस ब्राह्मण ने जब उस पत्थर को लोहे के टुकड़े स्पर्श कराया, लोहा सोने में बदल गया था.
