नई दिल्ली (प्रदीप कुमार की रिपोर्ट)– कोरोना काल में 14 सितंबर से शुरू होने जा रहे संसद सत्र में सरकार को घेरने के लिए विपक्ष साझा रणनीति तैयार करने में जुट गया है। विपक्ष के नेता इस हफ्ते वर्चुअल बैठक कर सरकार के खिलाफ साझा रणनीति तैयार कर सकते हैं।
संसद का मॉनसून सत्र 14 सितंबर से शुरू हो रहा है और इस बार सदन की बैठक के लिए कई बदलाव भी किए गए हैं।
विपक्षी दल संसद में सरकार को कोविड-19 महामारी से निपटने, अर्थव्यवस्था और राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति, चीन के साथ सीमा पर गतिरोध जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर एक साथ मिलकर घेरने की तैयारी कर रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक विभिन्न विपक्षी दलों के नेताओं द्वारा संसद के दोनों सदनों में सरकार के खिलाफ एक साथ मोर्चा खोलने के लिए इस सप्ताह बैठक कर एक संयुक्त रणनीति बनाने की संभावना है।
सरकार को घेरने के लिए विपक्ष की तैयारियां क्या ?
संसद सत्र में सरकार की घेराबंदी पर चर्चा के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आठ सितंबर को पार्टी की रणनीति समूह की वर्चुअल बैठक भी बुलाई है।
दरअसल विपक्षी नेता चाहते हैं कि समान सोच वाले दलों को संसद में सरकार को घेरने के लिए एक दूसरे के साथ मिलकर तालमेल से काम करना चाहिए।तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे और झामुमो के हेमंत सोरेन जेईई/नीट और जीएसटी मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों की हालिया बैठक के दौरान यह विचार रख चुके है।
कांग्रेस रणनीति समूह इससे पहले एक बार बैठक कर चुका है और इस दौरान सत्र में उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा की गयी है।
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कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को यूपीए के सहयोगियों और समान सोच वाले दलों से संपर्क करने को कहा गया है ताकि संसद के बाहर और भीतर सरकार के खिलाफ एकजुटता दिखायी जाए।
तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने पूर्व में कहा था कि समान सोच वाले विपक्षी दल संसद में एक साथ काम करेंगे और जनता के मुद्दों को उठाएंगे।सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने रविवार को कहा कि विपक्ष की संयुक्त रणनीति के लिए विचार-विमर्श चल रहा है।सीपीआई नेता डी राजा ने भी कहा कि इस संबंध में विपक्षी नेताओं की बैठक जल्द होने वाली हैं।
LAC से लेकर फेसबुक तक की चर्चा से गर्म होगा संसद का माहौल !
पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा LAC पर बढ़े तनाव के संबंध में विपक्ष सरकार से जवाब की मांग करेगा। देश में कोविड-19 के बढ़ रहे मामलों को लेकर भी चर्चा होने की संभावना है।फेसबुक को लेकर भी संसद में गर्मागर्म बहस हो सकती है।
इस सत्र में प्रश्न काल को हटाने के मुद्दे को भी विपक्षी दलों के नेता उठा सकते हैं। दोनों सदनों में कांग्रेस के नेता प्रश्न काल को बहाल करने के लिए राज्यसभा सभापति और लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखेंगे।
सूत्रों के मुताबिक विपक्ष सीमा पर चीनी आक्रामकता के मुद्दे, देश की आर्थिक स्थिति और जीडीपी में गिरावट, बेरोजगारी तथा प्रवासी मजदूरों की दिक्कतों के अलावा, राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति एवं फेसबुक से जुड़े विवाद के संबंध में अल्पावधि चर्चा और ध्यानाकर्षण प्रस्ताव की मांग करेगा।
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