अनुकूल मौसम संबंधी परिस्थितियों के कारण वायु प्रदूषण के स्तर में आई गिरावट के बाद दिल्ली-NCR की वायु गुणवत्ता में सुधार देखने को मिला है। जिसके चलते रविवार को GRAP-3 के प्रतिबंध हटा दिए गए हैं। एक आधिकारिक आदेश में ये जानकारी दी गई है।
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पश्चिमी विक्षोभ के कारण दिल्ली और इसके आस-पास हल्की वर्षा हुई। पश्चिमी विक्षोभ भूमध्य सागरीय क्षेत्र में उत्पन्न होने वाली मौसमी प्रणाली है, जो उत्तर-पश्चिम भारत में सर्दियों में वर्षा और बर्फबारी लाती है। इससे शहर की वायु गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ।
राष्ट्रीय राजधानी का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) रविवार को शाम चार बजे 278 रहा, जो चरण-3 प्रतिबंधों के कार्यान्वयन के लिए 350 अंक की सीमा से 72 अंक कम था। इसमें गैर-जरूरी निर्माण कार्य पर प्रतिबंध भी शामिल है।
एक दूसरे पश्चिमी विक्षोभ के 14-15 जनवरी के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत को प्रभावित करने की संभावना है। गुरुवार को पुन: लागू किये गये जीआरएपी चरण-3 में गैर-जरूरी निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगाया गया था। चरण-3 के तहत पांचवीं तक की कक्षाओं को ‘हाइब्रिड मोड’ (ऑनलाइन और भौतिक रूप में) में संचालित करना जरूरी है।
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छात्रों के पास ऑनलाइन शिक्षा चुनने का विकल्प है। चरण-3 के तहत, दिल्ली और आस-पास के एनसीआर जिलों में बीएस-3 पेट्रोल और बीएस-4 डीजल कारों (चार पहिया वाहनों) का उपयोग प्रतिबंधित है। दिव्यांग व्यक्तियों को इससे छूट दी गई है। सर्दियों के दौरान, दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में जीआरएपी के तहत प्रतिबंध लागू होते हैं, जो वायु गुणवत्ता को चार चरणों में वर्गीकृत करता है।
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