आपदा मोचन बलों की तारीफ कर गृह मंत्री अमित शाह बोले- आपदा प्रबंधन में भारत Global Leader बनने के करीब

नई दिल्ली के विज्ञान भवन में सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राहत आयुक्तों और आपदा मोचन बलों के वार्षिक सम्मेलन को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया है। इसके साथ ही गृह मंत्री ने NDEM Lite 2.0 मोबाइल ऐप, आपातकालीन प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय डेटाबेस NRSC-ISRO का विमोचन भी किया है।

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि, “इस सम्मेलन में हर वर्ष कुछ जिलों और आपदा की दृष्टि से संवेदनशील तहसीलों को जोड़ने की भी शुरुआत करनी चाहिए। जिससे राष्ट्रीय स्तर पर जो आपदा प्रबंधन पर विचार हो रहा है, वो धीरे-धीरे तहसील और जिला स्तर पर तक भी पहुंचे। पिछले दो वर्षों में राहत और आपदा प्रबंधन से जुड़ी सभी एजेंसियों की वर्कशॉप और मीटिंग को एकत्रित करके Whole Of Government Approach के साथ विचार का यह मंच बनाने का काम किया गया है। जब सभी आपदा मोचन दलों के मुखिया एक ही मंच पर विचार विमर्श करते हैं, तो अनेक कमियां तो दूर होती ही हैं,साथ ही देश को भी आपदा के सामने सुसज्ज होने में फायदा मिलता है।”

उन्होंने कहा, “गत 10 वर्षों में, NDMA, NDRF और CDRI ने भारत को आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में एक Global Leader बनाने की दिशा में सशक्त रूप से खड़ा किया है। NDMA ने नीति, विषय संरचना, शोध कार्य, विभिन्न प्रकार के अभ्यासों को जन-जन तक पहुँचाने, अनेक एप्लिकेशन विकसित करने तथा समग्र समन्वय और नीति-संबंधी कार्यों को प्रभावी ढंग से संपन्न किया है। NDRF ने पूरे देश में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। NDRF ने देशभर में ख्याति अर्जित की है और सम्मान भी प्राप्त किया है।”

केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा, “जब भी भारत के डिजास्टर रिस्पांस का इतिहास लिखा जाएगा, तो मोदी सरकार के ये 10 वर्ष परिवर्तनकारी दशक के रूप में दर्ज किए जाएंगे। इन 10 वर्षों में हमने क्षमता, दक्षता, गति और सटीकता—इन चारों क्षेत्रों में महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की हैं। इस दशक की शुरुआत में हम ‘Minimum Casualty’ के लक्ष्य तक पहुँचे और दशक के अंत तक ‘Zero Casualty’ के लक्ष्य को प्राप्त कर पूरे विश्व को अचंभित किया। बीते 10 वर्षों में आपदा प्रबंधन के एप्रोच में महत्वपूर्ण परिवर्तन आया है। पहले आपदा आने पर न तो बचाव की कोई कार्य योजना होती थी, और न ही कोई स्पष्ट उद्देश्य। आपदा के बाद केवल सहायता और पुनर्वास पर ही ध्यान केंद्रित किया जाता था।”

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उन्होंने कहा, “आगामी समय में संभावित आपदाओं को पहचानकर पहले से ही शोध कार्य करना, दुनिया भर में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में हो रहे कार्यों को संकलित कर उसे अपने देश की भौगोलिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, परिस्थितियों के अनुकूल बनाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। विश्व के सामने भारत ने ‘मिशन लाइफ’, International Solar Alliance और ‘ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस’ जैसे महत्वपूर्ण वैश्विक पहल प्रस्तुत की हैं। आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में मोदी जी ने ‘आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए 10 सूत्रीय एजेंडा’ दिया, CDRI की स्थापना की और G-20 के अंतर्गत आपदा जोखिम न्यूनीकरण हेतु एक टास्क फोर्स का गठन भी कराया है।”

इसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि, “पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में मोदी जी के नेतृत्व में किए गए कार्य वास्तव में अतुलनीय हैं। आपदा से बचाव अपने आप में एक आंशिक दृष्टिकोण है, लेकिन ऐसी पृथ्वी की रचना करना, जहाँ आपदाएँ आएं ही नहीं, यही एक समग्र और दूरदर्शी दृष्टिकोण है। पर्यावरण संरक्षण के बिना आपदाओं से पूर्णतः बचाव संभव नहीं है। हम न केवल आपदा से बचाव की दिशा में कार्य कर रहे हैं, बल्कि ऐसी योजनाएँ बना रहे हैं, जिनसे आपदाएँ उत्पन्न ही न हों।”

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