Uttarkashi Helicopter Crash: हेलिकॉप्टर हादसे का कारण बना आसमान में बिछा जाल, एएआईबी की रिपोर्ट में हुआ खुलासा

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 Uttarkashi Helicopter Crash: विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) के मुताबिक, उत्तराखंड में हेलीकॉप्टर हादसा उसके (हेलीकॉप्टर) रोटर केबल से टकराने के कारण हुआ था। एएआईबी के मुताबिक, हेलीकॉप्टर मेन रोटर ब्लेड के ऊपर से गुजर रहे फाइबर केबल से टकराया था और फिर पहाड़ी से नीचे गिरकर एक पेड़ से टकरा गया, जिसकी वजह से ये हादसा हुआ।शनिवार को दुर्घटना की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट जारी करते हुए एएआईबी ने कहा कि जांच दल दुर्घटना के मुख्य कारण का पता लगाने के लिए आगे की कार्रवाई पर काम कर रहा है। एयरोट्रांस सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा संचालित 17 साल पुराना बेल 407 हेलीकॉप्टर, जिसमें छह यात्री सवार थे आठ मई को उड़ान भरने के 24 मिनट बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया।दुर्घटना में पायलट और पांच यात्रियों की मौत हो गई, जबकि एक यात्री गंभीर रूप से घायल हो गया।

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एएआईबी ने कहा कि आठ मई को सुबह 8.11 बजे खरसाली हेलीपैड से उड़ान भरने वाला हेलीकॉप्टर दुर्घटना हो गया, लेकिन उसमें आग नहीं लगी। ये दुर्घटना उत्तरकाशी के गंगनानी में सुबह 8.35 बजे हुई।अपनी पांच पन्नों की रिपोर्ट में एएआईबी ने कहा कि हेलीकॉप्टर अपनी निर्धारित ऊंचाई से नीचे उतरने से पहले 20 मिनट तक उड़ान भरता रहा।एएआईबी ने जांच रिपोर्ट में कहा, “शुरुआत में पायलट ने उत्तरकाशी-गंगोत्री नेशनल हाईवे पर इमरजेंसी लैंडिंग करने की कोशिश की। दुर्भाग्य से, हेलीकॉप्टर सड़क के किनारे चल रहे ओवरहेड फाइबर केबल से टकरा गयाUttarkashi Helicopter Crash

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एएआईबी ने आगे कहा, “इससे सड़क किनारे लगे कुछ धातु के बैरिकेड भी क्षतिग्रस्त हो गए। हालांकि, हेलीकॉप्टर उतर नहीं सका और पहाड़ी से नीचे गिर गया और लगभग 250 फीट गहरी खाई में एक पेड़ से टकराकर रुक गया।रोल्स रॉयस इंजन से चलने वाले इस हेलीकॉप्टर का निर्माण 2008 में हुआ था।
अमेरिकी राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड और कनाडा के परिवहन सुरक्षा बोर्ड ने जांच के लिए मान्यता प्राप्त प्रतिनिधियों और तकनीकी सलाहकारों को नियुक्त किया है।रिपोर्ट में कहा गया है, “जांच दल हादसे की असली वजह का पता लगाने के लिए आगे की कार्रवाई के लिए उनके साथ मिलकर काम कर रहा है.Uttarkashi Helicopter Crash

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