लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज गुवाहाटी में असम राज्य विधानमण्डल के नए भवन का किया उद्घाटन

(प्रदीप कुमार )- Om Birla –असम के मुख्य मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा;  असम विधान सभा के अध्यक्ष, बिस्वजीत दैमारी; केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग और आयुष मंत्री, सर्बानंद सोनोवाल; केन्द्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस और श्रम और रोजगार राज्य मंत्री, रामेश्वर  तेली; असम विधान सभा के उपाध्यक्ष, नुमल मोमिन; संसद सदस्य ; असम विधान सभा के सदस्य और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित रहे
इस अवसर पर लोकतंत्र को  मजबूत करने में जन प्रतिनिधियों की भूमिका के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए बिरला ने इस बात पर जोर दिया कि जन प्रतिनिधि लोगों की आस्था और विश्वास के संरक्षक होते  हैं। अध्यक्ष महोदय ने इस बात पर खेद व्यक्त किया कि  संवाद और चर्चा के स्थान पर सदन की कार्यवाही में बाधा डालकर, नारेबाजी करके  और  सदन में तख्तियाँ दिखाकर असहमति व्यक्त की जा रही है।
इस बात पर चिंता व्यक्त करते हुए  कि समन्वित और योजनाबद्ध व्यवधानों से सदन की गरिमा कम हो रही है,ओम बिरला ने विधायकों से आग्रह किया कि वे विधानमंडलों को केवल भवन के रूप में न देखकर इसे  संवाद और चर्चा का पवित्र स्थान मानें जहां लोगों की समस्याओं का समाधान किया जाता है और लोकतंत्र की भावना को मजबूत किया जाता है। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी सदस्यों को, राजनीतिक संबद्धता से ऊपर उठकर, विधायी निकायों की गरिमा और मर्यादा को बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए।

यह याद दिलाते हुए कि विधानमंडलों में होने वाली चर्चाओं का आम जनता पर गहरा प्रभाव पड़ता है, उन्होंने विधि निर्माताओं से लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए विधायी मंचों का सदुपयोग करने की अपील की। ओम बिरला ने इस बात पर भी जोर दिया  कि जन प्रतिनिधियों को रचनात्मक बहस के लिए इन मंचों का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे विधानमंदाओं को चर्चा का जीवंत केंद्र बनना चाहिए ताकि शासन जवाबदेह और पारदर्शी हो। उन्होंने यह भी कहा  कि सदन में गरिमा बनाए रखना सत्ता पक्ष और विपक्ष सभी दलों के सदस्यों की जिम्मेदारी है।

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इससे पहले, असम विधान सभा का नया भवन लोगों को समर्पित करते हुए बिरला ने कहा कि यह भवन जन  आकांक्षाओं और जन  कल्याण का प्रतीक है। विधान सभा के पुराने भवन से नये भवन तक की यात्रा के बारे में बात करते हुए,ओम बिरला ने असम के विकास और उसके गौरव को बढ़ाने में प्रमुख योगदान देने वाली कई महान हस्तियों को श्रद्धांजलि दी। असम में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के इतिहास पर आगे बात करते हुए ओम बिरला ने कहा कि विधान सभा की पुरानी इमारत असम की लोकतांत्रिक यात्रा की साक्षी रही है। हाल ही में भारत की संसद के नए भवन के उद्घाटन का उल्लेख  करते हुए
ओम बिरला ने कहा कि असम विधान सभा का  नया भवन न केवल आत्मनिर्भर भारत का, बल्कि नए आत्मनिर्भर असम का भी प्रतीक है। इस अवसर पर असम के मुख्य मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और  जलमार्ग और आयुष मंत्री,  सर्बानंद सोनोवाल ने भी उपस्थित विशिष्टजनों को संबोधित किया।असम विधान सभा के अध्यक्ष बिस्वजीत दैमारी ने स्वागत भाषण दिया।

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