दिल्ली विधानसभा में हंगामा! स्पीकर के बयान पर AAP-BJP में तकरार

Delhi News: Ruckus in Delhi Assembly! Conflict between AAP and BJP over Speaker's statement

Delhi News: दिल्ली विधानसभा में बीते मंगलवार 5 अगस्त को सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी दल आम आदमी पार्टी के बीच उस समय बहस छिड़ गई, जब स्पीकर विजेंद्र गुप्ता ने सदन को बताया कि तथाकथित ब्रिटिशकालीन “फांसी-घर”, जिसका 2022 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने नवीनीकरण करवा कर विधानसभा परिसर में उद्घाटन किया था, वास्तव में एक “टिफिन रूम” था।

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स्पीकर गुप्ता ने 2011 में दिल्ली विधानसभा भवन के निर्माण के समय के एक नक्शे का हवाला देते हुए कहा कि विधानसभा परिसर से लाल किले तक सुरंग होने का दावा भी गलत है। बीजेपी ने सदन को “गुमराह” करने के लिए केजरीवाल से माफ़ी की माँग की, जबकि एएपी विधायकों ने अध्यक्ष से ऐसे समय में ये मुद्दा उठाने पर सवाल उठाया जब दिल्ली कई गंभीर समस्याओं से जूझ रही है। Delhi News

सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई और ब्रिटिश संसद के प्रतिनिधिमंडल ने भी इस शोरगुल वाले मंजर को देखा। अपनी टिप्पणी में गुप्ता ने कहा कि नक्शे में ये भी दिखाया गया है कि मौजूदा अध्यक्ष का कक्ष पहले सदस्यों का पुस्तकालय था और उप-सभापति का कक्ष ब्रिटिश शासन के दौरान वायसराय का कक्ष था। उन्होंने कहा कि नक्शे में पुराने समय में एक धूम्रपान कक्ष की मौजूदगी का भी संकेत दिया गया है। उन्होंने 9 अगस्त 2022 को, जो ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ की वर्षगांठ थी।  Delhi News

उस वक्त टिफिन रूम का “फांसीघर” के रूप में उद्घाटन करने के लिए पिछली एएपी सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि इतिहासकारों के साथ एक बैठक भी हुई, जिन्होंने कहा कि तथाकथित फांसीघर और उससे जुड़ी संरचना वास्तव में एक टिफिन रूम और एक लिफ्ट थी। हमें उपलब्ध कराए गए राष्ट्रीय अभिलेखागार के दस्तावेज़ भी इस बात की पुष्टि करते हैं। अध्यक्ष ने कहा, विधानसभा से लालकिला तक सुरंग होने का दावा भी गलत है।

इतिहासकारों का कहना है कि पुराने समय में ऐसी इमारतों में भूमिगत वेंटिलेशन नलिकाएँ होती थीं। पुराने संसद भवन में भी ऐसी जगह है। बीजेपी के मुख्य सचेतक अभय वर्मा ने कहा कि तथाकथित “फांसीघर” वास्तव में एक रस्सी से चलने वाली लिफ्ट प्रणाली थी जो “टिफिन रूम” के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले एक कक्ष से जुड़ी थी। बीजेपी विधायकों ने मांग की कि एएपी प्रमुख और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल “झूठे दावों” से लोगों को “गुमराह” करने और इतिहास को “तोड़-मरोड़कर” पेश करने के लिए माफी मांगें।

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अध्यक्ष ने विपक्षी एएपी सदस्यों से अपना रुख स्पष्ट करने को कहा। एएपी विधायक जरनैल सिंह ने आरोप लगाया कि बीजेपी इतिहास को “तोड़-मरोड़कर” पेश करने की कोशिश कर रही है और उन्होंने चैटजीपीटी का हवाला देकर विधानसभा परिसर में फांसीघर की मौजूदगी के दावे का बचाव करने की कोशिश की। विपक्ष की नेता आतिशी ने इस मुद्दे को उठाने की प्रासंगिकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि दिल्ली के लोगों के सामने कई गंभीर समस्याएं हैं, जिन पर सदन का ध्यान देने की जरूरत है। दोनों पक्षों के बीच आरोप-प्रत्यारोप के बीच पूर्व मुख्यमंत्री ने विरोध स्वरूप सदन से बहिर्गमन किया।

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