कांग्रेस ने वाराणसी सीट का इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड सार्वजनिक करने की मांग की है। कांग्रेस कार्यालय में पत्रकार वार्ता में पार्टी के मीडिया एवं पब्लिसिटी विभाग के चेयरमैन पवन खेड़ा ने बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर द्वारा फर्जी वोटरों को लेकर किए गए खुलासे का हवाला देते हुए कहा कि इससे भाजपा और चुनाव आयोग के बीच सांठगांठ उजागर हो गई है। साथ ही यह भी साबित हो गया है कि लोकसभा चुनाव फर्जी वोटर लिस्ट के आधार पर हुआ था।
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खेड़ा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सीट पर भी धांधली हुई थी। मतगणना के दिन आधे समय तक नरेंद्र मोदी वाराणसी से हार रहे थे, लेकिन उन्हें फर्जी वोटरों का एक बूस्टर डोज मिला और वे जीत गए। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस को वाराणसी की इलेक्ट्रॉनिक वोटर लिस्ट मिल जाए तो यह साबित हो जाएगा कि प्रधानमंत्री चोरी की कुर्सी पर बैठे हैं।
कांग्रेस नेता ने राहुल गांधी की 07 अगस्त की पत्रकार वार्ता का जिक्र करते हुए कहा कि उस दिन भारतीय राजनीति में भूचाल आ गया था। इससे भाजपा छह दिन तक सदमे में रही और फिर अनुराग ठाकुर को पत्रकार वार्ता के लिए भेजा गया। जिसमें अनुराग ठाकुर ने रायबरेली, अमेठी, डायमंड हार्बर, कन्नौज सहित छह लोकसभा क्षेत्रों में फर्जी वोटरों का दावा किया। खेड़ा ने कहा कि इससे चुनाव आयोग की भूमिका और भी संगीन हो गई है। ठाकुर ने लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी द्वारा एक हफ्ते पहले किए गए खुलासों को सही साबित कर दिया है। उन्होंने कहा कि अब केवल विपक्ष ही नहीं, बल्कि पूरा देश ‘वोट चोर, गद्दी छोड़’ का नारा लगा रहा है।
खेड़ा ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा इलेक्ट्रॉनिक वोटर लिस्ट नहीं देने के कारण कांग्रेस को एक विधानसभा क्षेत्र महादेवपुरा के आंकड़े जुटाने में छह महीने लगे। वहीं अनुराग ठाकुर को छह लोकसभा क्षेत्रों के आंकड़े सिर्फ छह दिन में मिल गए। उन्होंने कहा, यह दर्शाता है कि चुनाव आयोग के पास इलेक्ट्रॉनिक वोटर लिस्ट है, लेकिन वह विपक्ष को नहीं, सिर्फ भाजपा को दी जाती है। उन्होंने अनुराग ठाकुर द्वारा पेश किए गए आंकड़ों को अपराधिक सबूत बताया और मांग की कि वे सबूत कांग्रेस को सौंपे जाएं।
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खेड़ा ने सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा की वायनाड सीट का उदाहरण देते हुए कहा कि अनुराग ठाकुर ने वहां 93 हजार फर्जी वोट होने का दावा किया, जबकि प्रियंका चार लाख दस हजार वोटों से जीती हैं। उन्होंने कहा कि अगर ये फर्जी वोट नहीं होते तो प्रियंका गांधी पांच लाख वोटों से जीत दर्ज करतीं। इसी तरह खेड़ा ने रायबरेली सीट का भी उल्लेख किया और कहा कि फर्जी वोट नहीं होते तो राहुल गांधी की जीत का अंतर और अधिक होता।
पवन खेड़ा ने कहा कि चुनाव आयोग ने राहुल गांधी की प्रेस वार्ता के दौरान ही उन्हें नोटिस जारी कर, खुलासे के बारे में हलफनामा दाखिल करने को कहा। लेकिन ठाकुर को इसी तरह का खुलासा करने के 24 घंटे के बाद भी कोई नोटिस नहीं दिया गया। खेड़ा ने यह भी पूछा कि जब दोनों पक्ष चुनाव आयोग पर सवाल उठा रहे हैं तो मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार कहां छुपे हुए हैं।
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