Kailash Kund Yatra: जम्मू कश्मीर के डोडा जिले में बुधवार से शुरू होने वाली तीन दिवसीय कैलाश कुंड यात्रा को हाल ही में बादल फटने की घटनाओं और खराब मौसम के पूर्वानुमान के कारण इस साल प्रतीकात्मक अनुष्ठानों तक सीमित कर दिया गया है। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को ये जानकारी दी। Kailash Kund Yatra
डोडा के उपायुक्त हरविंदर सिंह ने इच्छुक तीर्थयात्रियों से अनुरोध किया कि वे वार्षिक यात्रा में शामिल होने की कोई कोशिश न करें। इस यात्रा में आमतौर पर केंद्र शासित प्रदेश के अंदर और बाहर से हजारों श्रद्धालु आते हैं। Kailash Kund Yatra
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करीब 14,700 फुट ऊंचे कैलाश कुंड की तीर्थयात्रा सबसे कठिन तीर्थयात्राओं में से एक मानी जाती है, क्योंकि तीर्थयात्रियों को इस ऊंचे मंदिर में दर्शन करने के लिए कैलाश पर्वत श्रृंखला की 18 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चढ़नी पड़ती है। इसके बाद तीर्थयात्री ‘कुंड’ नामक बर्फीली झील में डुबकी लगाते हैं और देवता वासुकी नाग का आशीर्वाद लेते हैं। Kailash Kund Yatra
उपायुक्त ने डोडा में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने यात्रा के आयोजकों के साथ बैठक की और सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि इस साल की यात्रा को किश्तवाड़ और कठुआ के दो सीमावर्ती जिलों की स्थिति को देखते हुए प्रतीकात्मक अनुष्ठान तक सीमित रखा जाएगा।’’ Kailash Kund Yatra
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किश्तवाड़ के चिशोती गांव में 14 अगस्त को बादल फटने की घटना के बाद आई बाढ़ में 64 लोगों की मौत हो गई थी जिनमें ज्यादातर तीर्थयात्री थे और 39 लोग लापता हैं। कठुआ जिले में 17 अगस्त को बादल फटने और भूस्खलन में पांच बच्चों समेत सात लोगों की मौत हो गई थी। उपायुक्त हरविंदर सिंह ने श्रद्धालुओं से अनुरोध किया कि वे यात्रा में शामिल होने की कोशिश न करें।
उन्होंने कहा, ‘‘केवल ‘छड़ी’ लेकर चलने वाले और उसके साथ भजन करने वाले लोगों तथा उनके सहायक कर्मचारियों को ही यात्रा की अनुमति होगी तथा उनके लिए विशेष पंजीकरण कार्ड समेत सभी जरूरी व्यवस्थाएं की गई हैं।’’ उपायुक्त ने कहा कि जम्मू कश्मीर में आगामी 56 घंटे तक मौसम खराब रहने का पूर्वानुमान है। Kailash Kund Yatra