Three Language Policy : केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को कहा कि केंद्र किसी पर कोई भाषा नहीं थोप रहा है। उन्होंने उन लोगों को “राजनीति से प्रेरित” करार दिया जो ये दावा करते हैं कि केंद्र राज्यों पर त्रिभाषा नीति थोप रहा है। उन्होंने कहा कि हम किसी पर कोई भाषा नहीं थोप रहे हैं। कक्षा 1 और 2 के लिए दो भाषाओं का फॉर्मूला होगा। एक मातृभाषा होगी। यहां, ये तमिल भाषा होगी.Three Language PolicyThree Language Policy
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आपको बता दें कि सरकार की शर्त है कि आपको प्राथमिक विद्यालय में तमिल में पढ़ाना होगा। आप अपनी पसंद की कोई अन्य भाषा पढ़ा सकते हैं।प्रधान ‘थिंक इंडिया दक्षिणापथ शिखर सम्मेलन 2025’ में भाग लेने के बाद आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रोफेसर वी. कामकोटि की उपस्थिति में पत्रकारों से बात कर रहे थे। त्रिभाषा नीति के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा कि कक्षा 6 से 10 तक त्रिभाषा फॉर्मूला लागू है।
उन्होंने कहा कि एक भाषा मातृभाषा होगी। बाकी दो आपकी पसंद की होंगी। भारत सरकार किसी भी राज्य पर कोई भाषा नहीं थोपेगी।उन्होंने इस बात का ज़िक्र किया कि भारत की केवल 10 प्रतिशत आबादी ही अंग्रेज़ी बोलती है, और बाकी आबादी अपनी मातृभाषा में बात करना पसंद करती है।
उन्होंने आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू की इस टिप्पणी का हवाला दिया कि वे तेलुगु भाषी छात्रों को कम से कम 10 भाषाएं सीखने के लिए प्रोत्साहित करेंगे ताकि हर तेलुगु छात्र ‘विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी’ बन सके और विभिन्न भाषाओं में पारंगत हो सके।प्रधान ने कहा कि भाषा हमेशा एक सुविधाकर्ता होती है। राजनैतिक रूप से संकीर्ण विचारों वाले लोग ये समस्या पैदा कर रहे हैं।Three Language PolicyThree Language Policy
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तमिलनाडु की अपनी पिछली यात्राओं का ज़िक्र करते हुए, प्रधान ने कहा कि मैंने तमिलनाडु के सभी हिस्सों का दौरा किया है। यह मूलतः एक भाषाई राज्य है। मैं उड़िया हूँ। मुझे अपनी उड़िया भाषा पर बहुत गर्व है। लेकिन मुझे अन्य भारतीय भाषाओं पर भी गर्व है। उन्होंने कहा कि मैं आज पूरी ज़िम्मेदारी के साथ आपसे कह रहा हूं कि जो लोग यह भाषाई विभाजन पैदा करना चाहते हैं, वे नाकाम रहे हैं। समाज उनसे बहुत आगे निकल चुका है.Three Language Policy