राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने बुधवार को दक्षिण अफ्रीका के क्लेनमंड में आयोजित 11वें जी20 संसदीय अध्यक्षों के शिखर सम्मेलन (पी20) में ‘आपदा प्रतिरोधक क्षमता और अनुक्रिया का सुदृढीकरण’पर प्रथम कार्यकारी सत्र को संबोधित किया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन से बारंबार उत्पन्न होने वाली चुनौतियों को ध्यान मे रखते हुए आपदा प्रबंधन और इसके लिए समन्वय करने में सुधार के लिए भारत द्वारा उठाए गए विभिन्न संस्थागत कदमों पर प्रकाश डाला। वैश्विक आपदा प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने के लिए भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता पर पुन: बल देते हुए, उन्होंने संकटप्रवण देशों में आपदा जोखिम न्यूनीकरण (डीआरआर) के वित्तपोषण में अधिक सहयोग का भी आह्वान किया।
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उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 ने भारत को आपदा न्यूनीकरण, अनुक्रिया और इससे उबरने के लिए एक मज़बूत संस्थागत ढाँचा प्रदान किया है। इस कानून के तहत, भारत ने एक पेशेवर राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल का भी गठन किया है जो विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं से निपटने में सक्षम है।
इसके अलावा, उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक विकास का लाभ उठाने और इसे नवीन तकनीक के साथ जोड़ने की भारत की क्षमता ने पूर्व चेतावनी प्रणालियों को बेहतर बनाया है। उन्होंने कहा, “भारत की चक्रवात चेतावनी प्रणाली अपनी सटीकता और व्यापकता के लिए वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त है। जनता तक समय पर पूर्व चेतावनियाँ और अलर्ट पहुँचाने के लिए दामिनी, मौसम, मेघदूत आदि जैसे अनेक नए मोबाइल एप्लिकेशन विकसित किए गए हैं।”
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर, उन्होंने प्रतिरोधक क्षमता विकास को आगे बढ़ाने में भारत की भूमिका पर प्रकाश डाला। 2019 में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में आपदा रोधी अवसंरचना गठबंधन (सीडीआरआई) की शुरुआत की थी। भारत ने आपदा जोखिम न्यूनीकरण के लिए सेंडाई फ्रेमवर्क के कार्यान्वयन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अंत में, उन्होंने देशों से उच्च शिक्षा में आपदा प्रबंधन संबंधी अध्ययनों को एकीकृत करने, सर्वोत्तम प्रथाओं का एक वैश्विक संग्रह तैयार करने और विकासशील देशों के लिए नवोन्मेषी वित्तपोषण पद्धतियाँ सुनिश्चित करने का आह्वान किया।
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उपसभापति, न्यायसंगत ऊर्जा संक्रामण हेतु वित्त जुटाने संबंधी सत्र में भाग लेंगे और शिखर सम्मेलन के दौरान संपोषणीय विकास के लिए महत्वपूर्ण खनिजों के दोहन पर एक सत्र की अध्यक्षता करेंगे। उपसभापति जर्मनी, इटली और अन्य देशों के अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे।
दक्षिण अफ्रीका जी-20 शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करने वाला पहला अफ्रीकी देश है। इसने अपनी जी-20 अध्यक्षता के लिए ‘एकजुटता, समानता और संपोषणीयता’ के विषय पर रेखांकित किया है।