किसानों के कृषि कानून के विरोध में लगातार राजनीति जारी है। कांग्रेस के बाद अब एनडीए में बीजेपी की पूर्व सहयोगी रही अकाली दल ने भी मोदी सरकार पर किसानों की मांगें मानने के लिए प्रैशर बनाना शुरू कर दिया है।
इसी कड़ी में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल ने तीनों कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के साथ एकजुटता में अपना पद्म विभूषण पुरस्कार लौटा दिया है। प्रकाश सिंह बादल को 2015 में पद्म विभूषण पुरस्कार मिला था।
प्रकाश सिंह बादल ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को करीब तीन पन्ने की चिट्ठी लिखते हुए कृषि कानूनों का विरोध किया, किसानों पर एक्शन की निंदा की और इसी के साथ अपना सम्मान वापस कर दिया।
अपना पद्म विभूषण लौटाते हुए पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने लिखा, ‘मैं इतना गरीब हूं कि किसानों के लिए कुर्बान करने के लिए मेरे पास कुछ और नहीं है, मैं जो भी हूं किसानों की वजह से हूं। ऐसे में अगर किसानों को अपमान हो रहा है, तो किसी तरह का सम्मान रखने का कोई फायदा नहीं है।’
प्रकाश सिंह बादल ने लिखा कि किसानों के साथ जिस तरह का धोखा किया गया है, उससे उन्हें काफी दुख पहुंचा है। किसानों के आंदोलन को जिस तरह से गलत नजरिये से पेश किया जा रहा है, वो दर्दनाक है।
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