प्रशांत किशोर राजनीतिक करियर में रहे फ्लॉप, जन सुराज के दावे साबित हुए खोखले

Bihar: Prashant Kishor flopped in his political career, claims of Jan Suraj proved hollow

Bihar: बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे लगभग सामने आ चुके हैं। एनडीए बड़ी जीत की ओर बढ़ रही है। इस जीत को रोकने का दावा करने वाले जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर भी कुछ खास जलवा नहीं दिखा पाएं। वहीं विपक्षी पार्टियों की बात की जाए तो आरजेडी और कांग्रेस के गठजोड़ ने भी कोई कमाल नहीं दिखाया है।    Bihar

Read Also: Indian Cricket: मैं अपने शरीर का ख्याल रखने की कोशिश करता हूं- भारतीय क्रिकेटर जसप्रीत बुमराह

इससे पहले प्रशांत किशोर ने चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान करके सियासी गलियारे में हलचल मचा दी थी। इस बात को लेकर उनके विरोधी भी उन पर टूट पड़े हैं। प्रशांत किशोर देश के सबसे चर्चित चुनावी रणनीतिकार और राजनीतिक सलाहकारों में शुमार रहे हैं, संयुक्त राष्ट्र में सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ के तौर पर काम कर चुके हैं। उन्होंने पिछले साल जन सुराज का गठन किया। इस विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी 243 में से 238 सीटों पर चुनाव लड़ी। लेकिन प्रशांत किशोर को उम्मीद के मुताबिक नतीजे नहीं मिले।  Bihar

हालांकि राजनीतिक के जानकार उन्हें सामान्य बयानबाजी से अलग मुद्दे उठाने का श्रेय देते हैं। प्रशांत किशोर का जन्म 1977 में बिहार के रोहतास जिले के कोनार गांव में हुआ। उनके पिता की तैनाती बक्सर में हुई, तो प्रशांत भी साथ चले गए। वहीं से उन्होंने हाई स्कूल तक पढ़ाई की। 10वीं के बाद प्रशांत ने करीब दो साल पढ़ाई छोड़ दी थी। फिर उन्होंने पटना साइंस कॉलेज में दाखिला लिया। वे बाद में दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज चले गए, जहां कुछ दिनों तक सांख्यिकी विभाग में पढ़ाई की, लेकिन तबीयत खराब होने की वजह से उन्हें ग्रेजुएशन बीच में ही छोड़कर घर लौटना पड़ा। फिर उन्होंने लखनऊ से ग्रेजुएशन और हैदराबाद से पोस्ट-ग्रेजुएशन की पढ़ाई की। Bihar

Read Also: Gold Price: सोना 1,500 रुपये टूटा, चांदी भी फिसली

बतौर चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने 2012 के गुजरात चुनाव से पारी शुरू की। उसके बाद उन्होंने सिटिजन्स फॉर अकाउंटेबल गवर्नेंस यानी सीएजी नाम से एक ग्रुप बनाया, जिसने 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को ऐतिहासिक जीत दिलाने में मदद की। 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव प्रशांत किशोर का सक्रिय राजनीति में पहला कदम नहीं है, इससे पहले 2018 में वे जेडीयू ज्वाइन किया लेकिन नागरिकता संशोधन कानून पर नीतीश कुमार की नीति की आलोचना करने पर उन्हें जनवरी 2020 में पार्टी से निकाल दिया गया। 2021 में ही प्रशांत किशोर ने राजनीतिक रणनीतिकार के कामकाज से संन्यास लेने का ऐलान किया। उन्होंने जन सुराज पदयात्रा शुरू की, जो राज्यभर में करीब 3000 किलोमीटर चली।

इसके बाद दो अक्टूबर 2024 को प्रशांत किशोर ने इस अभियान को राजनीतिक दल का रूप दे दिया और नाम रखा जन सुराज पार्टी। प्रशांत किशोर 2025 के बिहार विधानसभा चुनावों में कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ पाए। उन्होंने एक बार कहा था कि अगर जेडीयू 25 से ज्यादा सीटें जीत गई, तो वे राजनीति छोड़ देंगे। अब जब एनडीए शानदार जीत हासिल रहा है, तो देखना होगा कि प्रशांत का अगला कदम क्या होगा।

Top Hindi NewsLatest News Updates, Delhi Updates,Haryana News, click on Delhi FacebookDelhi twitter and Also Haryana FacebookHaryana Twitter

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *