पूर्व केंद्रीय मंत्री व हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद अनुराग सिंह ठाकुर आज (International Chess Federation) फिडे विश्व कप 2025 में विशेष रूप से उपस्थित हुए और अखिल भारतीय शतरंज महासंघ की न केवल दो दशकों के बाद देश में इस आयोजन की मेजबानी के लिए, बल्कि भारत को वैश्विक शतरंज महाशक्ति बनाने के लिए वर्षों से उठाए गए कदमों के लिए भी प्रशंसा की।
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पूर्व खेल मंत्री व बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग सिंह ठाकुर, जो स्वयं एक कुशल खेल प्रशासक हैं, उन्होंने भारतीय ग्रैंडमास्टर अर्जुन एरिगैसी और चीन के ग्रैंडमास्टर वेई यी के बीच क्वार्टर फ़ाइनल मैच में औपचारिक रूप से पहला कदम उठाया।
विश्व कप के दौरान मीडिया से बात करते हुए, अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि शतरंज एक बौद्धिक विरासत है, जो संभवत: भारत ने दुनिया को प्रदान की है, और यह केवल खेल मात्र नहीं है, बल्कि रणनीतिक गहराई और दार्शनिक ज्ञान का प्रतिबिंब है। यह शानदार खेल न केवल दिमाग को तेज करता है, बल्कि धैर्य और लचीलेपन का महत्वपूर्ण सबक भी सिखाता है और व्यक्ति को रणनीतिक महारत की बौद्धिक तलाश के मार्ग पर ले जाता है।
फ़िडे का यह विश्व कप आयोजन न केवल इसलिए ऐतिहासिक क्षण है क्योंकि हम दो दशकों के बाद विश्व कप की मेज़बानी कर रहे हैं, बल्कि इसलिए भी कि अब इस ट्रॉफी का नाम भारतीय शतरंज के दिग्गज विश्वनाथन आनंद के नाम पर रखा गया है। यह आने वाले दशकों की ट्रॉफी नहीं, बल्कि आने वाली सदियों की ट्रॉफी है। आनंद ने 2000 और 2002 में FIDE विश्व कप के पहले दो संस्करण जीते थे और तीन दशकों से भी ज़्यादा समय तक भारतीय शतरंज के अग्रणी खिलाड़ी रहे। लेकिन पिछले कुछ वर्षों में, कई भारतीय खिलाड़ी विश्व पटल पर अपनी छाप छोड़ रहे हैं, जिसमें भारत ने ओपन और महिला ओलंपियाड दोनों में स्वर्ण पदक जीते हैं और गुकेश डोमाराजू ने 2024 में विश्व चैंपियनशिप का ख़िताब जीतकर आनंद की बराबरी की है”
अनुराग सिंह ठाकुर में कहा “ गोवा भारत में वैश्विक आयोजनों के लिए एक बड़ा सेंटर बनकर उभरा है। चाहे फ़ीडे शतरंज विश्व कप हो या फ़िल्म फेस्टिवल हो, गोवा सफल आयोजन के ज़रिए अपनी गहरी छाप छोड़ी है। हाल ही में शतरंज ओलंपियाड मशाल रिले का का भी भारत ने चेन्नई में सफल आयोजन किया था।”
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अनुराग ठाकुर ने देश में प्रमुख अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की मेज़बानी और खिलाड़ियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने जैसी पहलों के साथ विकास की गति को तेज़ करने में अध्यक्ष श्री नितिन नारंग के नेतृत्व में AICF की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि पिछले दो वर्षों में अखिल भारतीय शतरंज महासंघ द्वारा उठाया गया सबसे बड़ा कदम 42 खिलाड़ियों को वार्षिक अनुदान प्रदान करना है।” उन्होंने आगे कहा कि जिस तरह से एआईसीएफ खेलों के विकास के लिए मिलकर काम कर रहा है, वह एक ऐसा उदाहरण है जिसका सभी अनुसरण कर सकते हैं।
अनुराग सिंह ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2036 ओलंपिक खेलों को भारत में आयोजित करने के संकल्प के बारे में भी बात की और कहा कि राष्ट्रीय महासंघों द्वारा ऐसे बड़े आयोजनों की मेजबानी करना सही दिशा में एक कदम है।
