Lok Sabha: लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज संविधान सदन के केन्द्रीय कक्ष में लोक सभा के पूर्व अध्यक्ष मनोहर जोशी की जयंती के अवसर पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। संसद सदस्यों, पूर्व सदस्यों, लोकसभा के महासचिव, उत्पल कुमार सिंह और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी मनोहर जोशी को पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर, संसद ग्रंथालय द्वारा संविधान सदन के केंद्रीय कक्ष में मनोहर जोशी के जीवन पर आधारित पुस्तकों को प्रदर्शित किया गया। श्री मनोहर जोशी 2002 से 2004 तक लोक सभा अध्यक्ष रहे थे।
समारोह में संसद सदस्य, पूर्व सदस्य, लोकसभा के महासचिव उत्पल कुमार सिंह, कई कैबिनेट मंत्री, राज्य सभा के सदस्य तथा विभिन्न राज्यों के विधायक उपस्थित थे। सभी ने एकत्रित होकर जोशी के चित्र पर पुष्प अर्पित किए और उनके सम्मान में दो मिनट का मौन रखा। इस दौरान कई वरिष्ठ नेताओं ने अपने‑अपने विचार साझा किए, जिनमें जोशी के साथ काम करने के व्यक्तिगत अनुभव और उनके नेतृत्व में संसद की कार्यवाही में आए सकारात्मक बदलावों को उजागर किया गया।
पुस्तक प्रदर्शनी
संसद ग्रंथालय ने केन्द्रीय कक्ष में मनोहर जोशी के जीवन और कार्य पर आधारित कई पुस्तकों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। इन पुस्तकों में उनके राजनीतिक सफर, सामाजिक कार्यों और संसद में किए गए प्रमुख विधायी पहल शामिल थे। ग्रंथालय के निदेशक ने बताया कि इस प्रदर्शनी का उद्देश्य युवा सांसदों और शोधकर्ताओं को उनके आदर्शों से परिचित कराना है। Lok Sabha
मनोहर जोशी – विस्तृत परिचय
लोक सभा के पूर्व अध्यक्ष मनोहर जोशी का जन्म 12 जनवरी 1934 को महाराष्ट्र के एक छोटे से गांव में हुआ था। उन्होंने मुंबई विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल की.. राजनीतिक करियर की बात की जाए तो वे 1962 में महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य के रूप में पहली बार निर्वाचित हुए। 1995 से 1999 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे, जिस दौरान उन्होंने उद्योग‑उत्पादन नीति और सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों को तेज़ी से लागू किया। इसके बाद 2002 से 2004 तक लोकसभा के अध्यक्ष रहे, इस दौरान उन्होंने प्रश्नकाल की प्रभावशीलता बढ़ाने, कई विधायी सुधारों को प्रोत्साहित करने और संसद में बहस की गुणवत्ता को उन्नत करने के लिए पहल की।
Read Also: लोकसभा में गतिरोध समाप्त, महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा का रास्ता साफ
सामाजिक योगदान
उन्होंने महिलाओं के अधिकारों के लिए कई विधेयक पेश किए, जिनमें महिला सुरक्षा अधिनियम भी शामिल है। अनुसूचित जातियों और जनजातियों के विकास के लिए भी विशेष कोटे की व्यवस्था को मजबूत की। साथ ही शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में कई पहलें शुरू की, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में… “लोकतंत्र की राह में” और “संसद की कार्यवाही में सुधार” जैसी कई रचनाएं उनके विचारों को प्रतिबिंबित करती हैं। आज के समारोह का समापन राष्ट्रगीत के साथ हुआ, जिसके बाद उपस्थित सभी ने जोशी के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की और उनके आदर्शों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। Lok Sabha
