Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के वाराणसी में पुलिस ने सिगरा इलाके में कई संदिग्ध ‘बांग्लादेशी परिवारों’ के रहने की सूचना मिलने के बाद सत्यापन अभियान चलाया। पुलिस ने कहा, “सत्यापन के दौरान पता चला कि ये परिवार मूल रूप से पश्चिम बंगाल के थे और कई सालों से इस इलाके में रह रहे हैं।”
पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) टी. सरवन ने कहा कि शहर में रह रहे अवैध प्रवासियों, जिनमें बांग्लादेशी नागरिक और रोहिंग्या प्रवासी शामिल हैं, जिनकी पहचान के लिए चल रहे अभियान के तहत पुलिस ने इलाके की पड़ताल की। Uttar Pradesh
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अधिकारी ने बताया कि पुलिस आयुक्त के निर्देश पर सोमवार को एक टीम घटनास्थल पर पहुंची, जब उन्हें सूचना मिली कि लगभग 30 से 35 बांग्लादेशी परिवार एक समाजवादी पार्टी नेता के परिसर में रह रहे हैं।
उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान ये परिवार पश्चिम बंगाल के मूल निवासी पाए गए और कई सालों से इस इलाके में रह रहे थे। Uttar Pradesh
डीसीपी ने कहा कि सत्यापन के लिए परिवार के सदस्यों की संख्या, उनके रहने का उद्देश्य और पहचान संबंधी दस्तावेज़ एकत्र किए जा रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि ये सुनिश्चित करने के लिए उनके दस्तावेजों की जांच की जा रही है कि कोई फर्जी पहचान पत्र का इस्तेमाल तो नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि यदि अनियमितताएं पाई गईं तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। Uttar Pradesh
डीसीपी (काशी ज़ोन) गौरव बंसवाल के अनुसार ये अभियान झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले या रेहड़ी-पटरी लगाने वाले लोगों की पहचान के लिए सात दिवसीय “ऑपरेशन टॉर्च” का हिस्सा था। बंसवाल ने कहा, “अवैध रूप से रह रहे लोगों की पहचान के लिए कई जगहों पर सत्यापन किया जा रहा है। ऐसे लोगों के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।”
