सेबी के निदेशक मंडल की बैठक में म्यूचुअल फंड नियमों में बदलाव पर होगी चर्चा

Mutual Fund Rules: Changes in mutual fund rules will be discussed in the meeting of the board of directors of SEBI.

Mutual Fund Rules: बाजार नियामक सेबी का निदेशक मंडल वरिष्ठ अधिकारियों के हितों के टकराव पर गठित उच्चस्तरीय समिति की रिपोर्ट पर बुधवार को विचार करेगा। अधिकारियों ने मंगलवार यानी आज 16 दिसंबर को ये जानकारी दी। अधिकारियों ने कहा कि निदेशक मंडल की बैठक में अनिवासी भारतीयों (एनआरआई) के लिए केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) मानकों में ढील और ‘समापन नीलामी सत्र’ शुरू करने का प्रस्ताव शामिल है।

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन तुहिन कांत पांडेय की अध्यक्षता में होने वाली ये चौथी बोर्ड बैठक होगी। पांडेय ने इस साल एक मार्च को पदभार संभाला था। बैठक में उस समिति की रिपोर्ट पर विशेष रूप से चर्चा होगी, जिसने पारदर्शिता बढ़ाने के लिए व्यापक सुधारों का सुझाव दिया है। पैनल ने सेबी के शीर्ष अधिकारियों के हितों के टकराव से निपटने के लिए संपत्तियों के सार्वजनिक खुलासे की सिफारिश की है। पैनल ने यह रिपोर्ट 10 नवंबर को सेबी प्रमुख को सौंपी थी।

Read Also: रुपया पहली बार 91 की लक्ष्‍मण रेखा के पार, सरकार की मौन रणनीति या बाजार की मजबूरी?

रिपोर्ट में एक सुरक्षित और गुमनाम व्हिसलब्लोअर (सूचनाकर्ता) प्रणाली स्थापित करने, महंगे उपहारों पर प्रतिबंध, सेवानिवृत्ति के बाद दो साल तक नियुक्तियों पर रोक लगाने और ‘मुख्य नैतिकता और अनुपालन अधिकारी’ (सीईसीओ) का पद सृजित करने का प्रस्ताव भी शामिल है। म्यूचुअल फंड और स्टॉक ब्रोकर नियमों के संबंध में सेबी पहले ही परामर्श पत्र जारी कर चुका है। अक्टूबर में सेबी ने म्यूचुअल फंड नियमों में बड़े बदलाव का प्रस्ताव रखा था, जिसमें टीईआर (योजना के कुल खर्च) की स्पष्ट परिभाषा और ब्रोकरेज शुल्क की संशोधित सीमाएं शामिल हैं। प्रस्तावित ढांचे के तहत सेबी परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) को म्यूचुअल फंड योजनाओं पर अतिरिक्त 0.05 प्रतिशत वसूलने की अनुमति हटाने की योजना बना रहा है।  Mutual Fund Rules

ये अतिरिक्त खर्च तय समय से पहले निकासी पर लगने वाले शुल्क को योजनाओं में वापस क्रेडिट करने के प्रभाव की भरपाई के लिए दिया गया था। स्पष्टता बढ़ाने के लिए सेबी ने टीईआर सीमा से सभी वैधानिक करों- एसटीटी (प्रतिभूति लेनदेन कर), जीएसटी, सीटीटी (जिंस लेनदेन कर) और स्टांप शुल्क को बाहर रखने का सुझाव दिया है। इसके अलावा निदेशक मंडल 1992 के स्टॉक ब्रोकर विनियमों की समीक्षा के प्रस्ताव पर भी विचार करेगा। इस प्रक्रिया में ‘एल्गोरिदमिक ट्रेडिंग’ (कंप्यूटर प्रोग्राम के जरिए स्वचालित ट्रेडिंग) की परिभाषा शामिल करने का प्रस्ताव है, क्योंकि मौजूदा ढांचे में इसकी स्पष्टता नहीं है। Mutual Fund Rules

Top Hindi NewsLatest News Updates, Delhi Updates,Haryana News, click on Delhi FacebookDelhi twitter and Also Haryana FacebookHaryana Twitter

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *