नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पर लगे सेक्सुअल हैरेसमेंट के आरोप के मामले को कोर्ट ने बंद कर दिया है, इसके अलावा कोर्ट ने वकील उत्सव बैंस की ओर से इस मामले पर न्यायपालिका को बदनाम करने की साजिश की जांच कराने की मांग वाली याचिका को भी बंद कर दिया है।
जस्टिस एके पटनायक की रिपोर्ट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने मामले का निपटारा किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले को दो साल हो चुके हैं और ऐसे में साजिश की जांच संभव नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट के वकील उत्सव बैंस ने पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई पर लगे यौन शोषण के आरोपों के पीछे साजिश होने का दावा किया था। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने उन्हें नोटिस जारी किया था।
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कोर्ट ने बैंस को दायर शपथपत्र में दावों को साफ करने को कहा था। बैंस ने अपनी जिस फेसबुक पोस्ट में साजिश की बात कही थी, उसी में उन्होंने ये भी लिखा था कि मुझे लोगों को ये बात बताने से पहले कई वरिष्ठ शुभचिंतकों ने रोका था।
शुभचिंतकों ने मुझसे कहा था कि जिन जजों की लॉबी ने ये साजिश रची है, वो मेरे खिलाफ हो जाएगी और मुझे व्यावसायिक रूप से नुकसान पहुंचाएगी।
सुप्रीम कोर्ट की पूर्व कर्मचारी ने लगाया था आरोप
सुप्रीम कोर्ट की एक पूर्व महिला कर्मचारी ने पूर्व चीफ जस्टिस गोगोई पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। यह महिला 2018 में जस्टिस गोगोई के आवास पर बतौर जूनियर कोर्ट असिस्टेंट पदस्थ थी। महिला का दावा था कि बाद में उसे नौकरी से हटा दिया गया था।
महिला ने अपने एफिडेविट की कॉपी 22 जजों को भेजी। इसी आधार पर चार वेब पोर्टल्स ने चीफ जस्टिस के बारे में खबर प्रकाशित की। अप्रैल 2019 में मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई थी।