डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को मेडिकल पैरोल मिलने पर दिवंगत पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के बेटे अंशुल छत्रपति लगातार सवाल उठाते रहे हैं अब अंशुल ने इस मामले को लेकर पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को एक पत्र लिखा है। अंशुल की ओर से लिखे गए पत्र में मामले में दखल देकर मॉनिटरिंग करने अपील की गई है। साथ ही अंशुल छत्रपति ने आरोप लगाते हुए कहा कि डेरा प्रमुख को दी जारी पैरोल में नियमों का भी उल्लंघन हो रहा है।
अंशुल छत्रपति ने कहा कि जिस तरह से बार बार डेरा प्रमुख को कभी मां की बीमारी के बहाने एक दिन की कस्टोडियस पेरोल दी गई और उसे गुरुग्राम के एक फार्म हाउस में मिलाया गया जो कि नियमों का भी उल्लंघन है। उसके बाद बाबा की बीमारी को लेकर पहले PGI रोहतक और उसके बाद गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया ये सरकार और जेल प्रशासन की तरफ से डेरा प्रमुख को लंबी छुट्टी देने का एक ग्राऊंड तैयार किया जा रहा है। अंशुल ने कहा कि जिस तरह 25 अगस्त 2017 बाबा के खिलाफ फैसला आया और प्रदेश में जिस तरह से दंगा हुआ सरकारी व प्राइवेट सम्पति का नुकसान हुआ लोगों की जान गई उससे सरकार और प्रशासन को सबक लेना चाहिए।
अंशुल ने कहा कि जो पुलिस प्रशासन 25 अगस्त 2017 के बाद से लगातार जांच में हनीप्रीत को मुख्य साजिशकर्ता बता रहा था उसके बाद पुलिस का केस इतना कमजोर क्यों हुआ और हनीप्रीत से आरोप हटे और उसके बाद हनीप्रीत की जमानत मिली और आज फिर से हनीप्रीत को अटैंडेंट कार्ड बना कर साजिश रचने के लिए उसे बाबा से मिलने दिया जा रहा है इस पर रोक लगनी चाहिए। साथ ही अंशुल ने पूरे इलाज की CCTV फुटेज भी कोर्ट में मुहैया करवाने की मांग की है।