नई दिल्ली(विश्वजीत झा): दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कोयले की कमी के चलते बिजली संकट पर कहा कि दिल्ली में एक भी कोयले से पॉवर प्लांट नहीं चलता है।
उर्जा मंत्री ने कहा कि एनटीपीसी, दिल्ली सरकार के करार के मुताबिक, 3500 मेगावाट बिजली देता था, लेकिन आज उसकी आधी यानी 1750 मेगावाट बिजली दे रहा है।
दिल्ली में गैस से चलने वाले बिजली के पावर प्लांट है, लेकिन केंद्र सरकार ने दिल्ली को निर्धारित दर पर गैस देना बंद कर दिया है, जिसके कारण दिल्ली सरकार को बिजली उत्पादन करने के लिए मार्केट रेट पर गैस खरीदनी पड़ रही है।
इसकी वजह से बिजली उत्पादन दर बढ़ चुका है। ऊर्जा मंत्री ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या सच में देश में कोयले की कमी है या फिर जानबूझकर बिजली की कटौती की जा रही है ?
उर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा की बिजली का बड़ा उत्पादक केंद्र सरकार की एनटीपीसी है। पिछले कुछ दिनों से एनटीपीसी ने अपने पॉवर प्लांट में बिजली का उत्पादन आधा कर दिया है।
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ऐसा उन्होंने एक प्लांट पर ही नहीं किया है, बल्कि देशभर में अपने सभी प्लांट में किया है। 5-6 राज्यों के मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री को इस विषय पर पत्र भी लिख चुके हैं।
चाहे पंजाब हो, आंध्र प्रदेश हो, या उत्तर प्रदेश हो, सब जगह पॉवर कट लगाए जा रहे हैं। लेकिन दिल्ली सरकार ने दिल्ली में पॉवर कट नहीं लगने दिया है।
दिल्ली सरकार महंगी बिजली खरीदकर भी दिल्ली के लोगों को 24 घंटे बिजली दे रही है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि एक तरफ केंद्र सरकार कहती है कि कोयले की कोई कमी नहीं है
और दूसरी तरफ बैठक कर कहती है कि कोयले की जिम्मेदारी अब केंद्रीय मंत्री संभालेंगे। केंद्र सरकार बताए कि कोयले की कमी है या नहीं है या फिर जानबूझकर ऐसा किया जा रहा है।